Uttar Pradesh में सांसदों-विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए मजिस्ट्रेट कोर्ट नहीं बनाए जाने पर SC नाराज

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Supreme Court,Haridwar Dharma Sansad
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Uttar Pradesh: MP और MLA के ऊपर दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए रामपुर में मजिस्ट्रेट कोर्ट खोलने की SP नेता आज़म खान की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में सांसदों-विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए मजिस्ट्रेट कोर्ट नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जाहिर की। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर amicus से पूछा कि ऐसे और कितने राज्य हैं जिन्होंने मजिस्ट्रेट कोर्ट की जगह केवल सेशन कोर्ट बनाई हैं।

उत्तर प्रदेश में 62 स्पेशल सेशन कोर्ट बनाई गईं

Amicus ने कोर्ट को बताया कि उत्तर प्रदेश में 62 स्पेशल सेशन कोर्ट बनाई गई हैं। जबकि भोपाल,कर्नाटक में बेंगलुरू और पश्चिम बंगाल में एक-एक मजिस्ट्रेट कोर्ट बनाई गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि MP/MLA के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए मजिस्ट्रेट कोर्ट के निर्माण के मुद्दे पर हम आदेश पारित करेंगे। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।ॉ

यूपी में आदेश की गलत व्याख्या की गयी

मामले की सुनवाई के दौरान CJI ने कहा कि जिन राज्यों ने मजिस्ट्रेट कोर्ट नहीं बनाई उन जगहों पर मजिस्ट्रेट कोर्ट बनाई जाए और जहां सेशन कोर्ट में MP/MLA के मामले चल रहे हैं उन्हें मजिस्ट्रेट कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि यूपी में हमारे आदेश की गलत व्याख्या की गई।

कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील से पूछा कि आपने कोई विशेष अदालत नहीं बनाई है और आपने केवल सेशन जजों को लेबल लगा दिया है? आपने मजिस्ट्रेट कोर्ट क्यों नहीं बनाई? CJI ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील से कहा कि आप मजिस्ट्रेट कोर्ट नहीं बनाते हैं और मामले को इंचार्ज सेशन कोर्ट को सुनवाई के लिए भेज दे देते हैं, तो मामले कितने सालों तक ऐसे ही चलते रहेंगे? क्या हमारा इरादा यही है? आपके यहां मामलों की संख्या सबसे ज़्यादा है।

CJI ने कहा हमारे पास ऐसा कोई डेटा नहीं जिससे यह पता चले कि यूपी में सेशन कोर्ट में कितने केस हैं? कितने में दोषी हुए कितने बरी हुए? CJI ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील से पूछा कि उत्तर प्रदेश में MP/MLA के खिलाफ कितने मामले लंबित हैं? साथ ही यह भी पूछा कि कितने मामले स्पेशल कोर्ट में लंबित हैं?

उत्तर प्रदेश में सांसदों और विधायकों के खिलाफ 13 हज़ार मामले लंबित

इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सांसदों और विधायकों के खिलाफ 13 हज़ार मामले लंबित हैं। जबकि स्पेशल कोर्ट में 63 मामले लंबित हैं। CJI ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील से कहा कि हमारा आदेश क्या है, यह हम जानते है। हमने मजिस्ट्रेट कोर्ट बनाने के लिए भी कहा है। आप हमें हमारे आदेश के बारे में न बताएं।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील से कहा हमारा साफ आदेश था कि ज़्यादा से ज़्यादा सेशन और मजिस्ट्रेट कोर्ट बनाई जाएं। सभी राज्यों ने सेशन और मजिस्ट्रेट कोर्ट बनाई लेकिन उत्तर प्रदेश ने केवल सेशन कोर्ट बनाई।

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