सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों के वेतन और सेवा शर्तों से जुड़ा बिल लोकसभा में पास हो गया है। बिल के मुताबिक, सातवें वेतन आयोग के तहत अब जजों के वेतन में तीन गुना बढ़ोतरी होगी। अब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का वेतन 1 लाख से बढ़कर 2 लाख 80 हजार रुपये प्रति महीने हो जाएगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट के जजों का वेतन 90 हजार रुपये प्रति महीने से बढ़कर 2 लाख 50 हजार रुपये हो जाएगा। जबकि हाईकोर्ट की बात करें तो वहां जजों का वेतन 80 हजार रुपये प्रति महीने से बढ़कर 2 लाख 25 हजार रुपये हो जाएगा। इस बिल का फायदा उन पूर्व जजों को भी मिलेगा जो अपने पद से रिटायर हो चुके हैं।

जजों के वेतन में यह बढ़ोत्तरी ऑल इंडिया सर्विसेस के अधिकारियों के लिए सातवें वेतन आयोग द्वारा की गई सिफारिश के मुताबिक है और यह वेतन बढ़ोत्तरी 1 जनवरी 2016 से प्रभावी होगी। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट न्‍यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन बिल 2017 में हाउस रेंट अलाउंस को भी 1 जुलाई 2017 से संशोधित करने की बात कही गई है।

गौरतलब है कि पिछले साल तत्कालीन चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर ने सरकार को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों का वेतन बढ़ाने की मांग की थी। विधेयक पेश किए जाने के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति के एपी जितेंद्र रेड्डी ने इसे पेश किये जाने पर विरोध दर्ज कराया लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें इसके लिए पहले नोटिस देना चाहिए था। अब विधेयक पेश हो चुका है।

लोकसभा में इस बिल पर हुई चर्चा के दौरान एक सुर में विधायी कामकाज में न्यायपालिका के बढ़ते दखल को लेकर चिंता जाहिर की गई। इसके अलावा जजों की नियुक्ति का मामला भी उठा और न्यायपालिका और संसद के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा होने का जिक्र भी किया गया।

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