गुरुग्राम के  रायन इंटरनेशनल स्कूल में छात्र प्रद्युन्न की हत्या के मामले में रायन के ट्रस्टियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने रायन के सीईओ रेयान पिंटो, उनके पिता अगस्टाइन एफ. पिंटो और मां ग्रेसी पिंटो की अग्रिम ज़मानत को बरकरार रखा है।

दरअलस  प्रद्युन्न के पिता ने रायन के ट्रस्टियों  को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से मिली अग्रिम ज़मानत को रद्द करने के लिए सुप्रींम कोर्ट में अर्ज़ी लगाई थी जिस पर जस्टिस आरके अग्रवाल और जस्टिस ए एम सपरे की पीठ ने 6 दिसंबर को  फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुनवाई के दौरान पिंटो परिवार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि प्रद्युन्न की हत्या का आरोप एक छात्र पर है ऐसे में ट्रस्टियों पर इस हत्या का मामला कैसे चल सकता है ? ट्रस्टियों पर आरोपों को लेकर सीबीआई की तरफ से भी कोई सबूत पेश नहीं किया गया है।

वहीं प्रद्युन्न के पिता की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे वकील सुशील टिकरीवाल ने कहा कि आरोपी प्रभावशाली लोग हैं और वह इस मामले की जांच को प्रभावित कर सकते हैं इसलिए उनकी अग्रिम ज़मानत रद्द की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीबीआई की तरफ से भी पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कहा गया था कि ऐसा लगता है कि प्रबंधन की लापरवाही के चलते यह हत्या हुई है। जांच अभी चल रही है और फिलहाल ट्रस्टियों को राहत नहीं दी जानी चाहिए।

बता दें कि इस मामले की पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 16 नवंबर से सुनवाई शुरू की थी और रायन के ट्रस्टियों को अग्रिम ज़मानत दे दी थी और सीबीआई से  हत्याकांड की जांच से जुडी स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी।  इस दौरान पिंटो परिवार की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया था कि जब भी सीबीआई जांच में उनकी ज़रुरत होगी वह अपना पूरा सहयोग देंगे। इसके बाद प्रद्युमन के पिता ने पिंटो परिवार को मिली अग्रिम ज़मानत को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने रायन के ट्रस्टियों की अग्रिम ज़मानत रद्द करने की मांग को लिए प्रद्युन्न के पिता के वकील की तमाम दलीलें सुनी लेकिन फिलहाल पिंटो परिवार की अग्रिम ज़मानत को बरकरार रखा है।

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