मोदी सरकार के शुरूआती दौर में पेट्रोल और डीजल के दामों में गिरावट दर्ज की गई थी जिसके बाद जनता को लगा था कि अब अच्छे दिन लौट आए हैं लेकिन मोदी सरकार के इन आखिरी सालों में पेट्रोल के दाम कुछ इस कदर बढ़े कि जनता त्राहिमाम्-त्राहिमाम् करने लगी। मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम करने के लिए डायनामिक प्राइसिंग की व्यवस्था भी चालू की लेकिन उससे कुछ फायदा नहीं हुआ बल्कि वो जनता के साथ एक छलावा साबित हुआ। लेकिन एक बार फिर मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम करने के लिए एक और प्रयास करने जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार पेट्रोल को सस्ता करने के लिए जल्द ही उसमें 15 प्रतिशत मेथनॉल मिलाने की नीति की घोषणा करेगी। पेट्रोल सस्ता होने के साथ ही इससे प्रदूषण घटाने में भी मदद मिलेगी। अगर सबकुछ ठीक रहा तो सरकार इसकी नीति बनाकर जल्द ही इसकी घोषणा कर सकती है।

एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा, ‘संसद के आगामी सत्र में, मैं पेट्रोल में 15 प्रतिशत मेथनॉल मिलाने की नीति की घोषणा करूंगा।’ मेथनॉल के बारे में जानकारी देते हुए गडकरी ने बताया कि इसे कोयले से बनाया जाता है इसकी लागत प्रति लीटर सिर्फ 22 रुपये आती है जबकि पेट्रोल की कीमत 80 रुपये है। उन्होंने बताया कि चीन इसी को 17 रुपये प्रति लीटर की लागत में बना रहा है। यदि सरकार के यह उपाय कारगर हुए तो पेट्रोल के दाम आधे से भी कम हो जाने की आशा है।

उन्होंने कहा कि मुंबई के आसपास लगी दीपक फर्टिलाइजर्स और राष्ट्रीय रसायन एंड फर्टिलाइजर्स जैसे कारखाने मेथेनॉल का उत्पादन कर सकते हैं। उन्होंने कहा वोल्वो ने ऐसे इंजन वाली बस का निर्माण किया है जो मेथेनॉल पर चल सकती है। मंत्री ने कहा कि ऐथनॉल का भी बड़े पैमाने पर उपयोग होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने अपने साथी पेट्रोलियम मंत्री को सुझाव दिया है कि वह 70,000 करोड़ रुपये की लागत से पेट्रोल रिफाइनरी स्थापित करने के बजाए ऐथनॉल के उपयोग पर ध्यान दें।

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