गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्‍न हत्‍याकांड के मामले में बुधवार (20 दिसंबर) को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड यानी  किशोर न्याय बोर्ड ने एक बड़ा फैसला सुनाया। बोर्ड ने अपने फैसले में कहा कि हत्या के आरोपी 16 साल के छात्र पर एक बालिग की तरह मुकदमा चलेगा।

11वीं में पढ़ने वाले हत्या के आरोपी छात्र ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में याचिका लगाई थी कि जब तक CBI मामले में चार्जशीट दायर नहीं करती है तब तक उसके खिलाफ नाबालिग की तरह ही केस चलाया जाए। लेकिन बोर्ड ने आरोपी की इस याचिका को खारिज कर दिया। आरोपी छात्र की तरफ से जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने ज़मानत की भी याचिका लगाई थी जिस पर बोर्ड ने CBI को नोटिस जारी किया था।

प्रद्युम्‍न के पिता वरुण ठाकुर और CBI ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने याचिका लगाई थी कि आरोपी छात्र को एक बालिग मानकर उसके खिलाफ केस चलाया जाए। उन्होंने कहा था कि आरोपी ने एक जघन्य अपराध किया है और ऐसा अपराध, विकृत और वयस्क मानसिकता का अपराधी ही कर सकता है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने CBI और आरोपी के वकीलों की तमाम दलीलें सुनने के बाद आठ दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी छात्र को 22 दिसंबर को सेंशन कोर्ट में पेश करने को कहा है यानि आरोपी छात्र पर सेशन कोर्ट में बालिग की तरह केस चलेगा और अगर उस पर आरोप साबित होता है तो उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है।

बता दें कि 8 सितंबर को गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्‍कूल में सात 7 साल के प्रद्युम्‍न की हत्‍या की गई थी। इस हत्याकांड को स्कूल के बाथरूम में अंजाम दिया गया था। शुरु में हरियाणा पुलिस ने मामले की जांच की और स्‍कूल बस के कंडक्‍टर अशोक को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया। लेकिन बाद में जब मामले की जांच CBI को सौंपी गई तो CBI ने अपनी जांच में खुलासा किया कि प्रद्युम्‍न की हत्या बस कंडक्‍टर अशोक ने नहीं बल्कि स्कूल में ही पढ़ने वाले 11वीं के छात्र ने की है। इसके बाद CBI ने आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया।

CBI ने कहा कि छात्र ने प्रद्युम्‍न की हत्या इसलिए कर दी क्योंकि वह एग्‍जाम और PTM को टालना चाहता था। मामले में हरियाणा पुलिस की जांच पर भी CBI ने कई सवाल उठाए हैं।

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