दोनों ही सदन अपमान, स्वाभिमान और राजनीति के भेंट चढ़ चुके हैं। दोनों राज्यों में चुनावों के बाद राजनीतिक दलों में व्यक्तिगत घमासान जारी है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग लेकर अड़ा है। मंगलवार का दिन भी हंगामें और बेमतलब के भाषणबाजी में निकल गया। वहीं बुधवार के दिन भी जमकर हंगामा हुआ। हंगामें के बीच में दोनों ही सदनों को बीच-बीच में स्थगित करना पड़ रहा है। राज्यसभा में वेंकैया नायडू ने साफ तौर पर कहा कि चूंकि  राज्यसभा में कुछ नहीं हुआ है, इसलिए कोई भी माफी मांगने नहीं जा रहा है।

बुधवार को जारी गतिरोध के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सुलह की भी कोशिश की थी। लेकिन दोनों ही दल किसी भी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाए हैं। सुबह के हंगामे के बाद कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि हम चाहते हैं कि सदन चले, लेकिन सरकार पहले संसदीय मर्यादा का पालन करे। सभापति वेंकैया नायडू ने कांग्रेस से सदन चलाने में सहयोग की अपील की। इससे पहले बुधवार को राज्यसभा में पीएम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सांसद वील में आ गए जिसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाब नबी आजाद का कहना है कि इस प्रकार का बयान देकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर सवाल उठाए गए हैं। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माफी मांगनी चाहिए। राज्यसभा में इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा दागी एमपी-एमएलए पर जो स्पेशल कोर्ट बनाने का फैसला है इसका मुद्दा भी उठाया गया था। हालांकि अरुण जेटली लगातार कह रहे हैं कि सरकार विपक्ष से किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। इससे मामले के सुलझने के आसार बनने लगे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here