कठुआ गैंगरेप मामले की सुनवाई अब जम्मू-कश्मीर में ना होकर पंजाब के शहर पठानकोट में होगी। सप्रीम कोर्ट ने सोमवार (7 मई) को मामले पर सुनवाई के बाद ये आदेश दिया। कोर्ट ने ये भी कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक आधार पर होगी और गवाहों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाए।

आखिरकार कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ गैंगरेप किए जाने और उसकी हत्या कर देने के मामले की सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य से बाहर ट्रांसफर कर दिया है। मामले की सुनवाई अब पंजाब के पठानकोट में होगी। लेकिन कोर्ट ने मामले की जांच CBI से करवाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘निष्पक्ष और डर एक साथ अस्तित्व में नहीं रह सकते’ और निष्पक्ष मुकदमे का मतलब तेज रफ्तार से सुनवाई होना भी है। इसलिए सुनवाई रोज़ाना होगी। साथ ही ये सुनवाई ‘इन कैमरा’ यानी बंद कमरे में होगी और सुप्रीम कोर्ट इसकी निगरानी करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी बयानों का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया जाए, सभी कागजात सील कवर में दिए जाएं और ट्रायल रणबीर पीनल कोड के आधार पर ही होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार को केस के लिए स्पेशल प्रॉसीक्यूटर नियुक्त करने का भी आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया गया है कि वो गवाहों के बयान दर्ज कराने के लिए उन्हें पठानकोट ले जाएगी और उनका खर्च भी उठाएगी।

मृतक बच्ची के पिता ने केस की सुनवाई चंडीगढ़ ट्रांसफर करने की अपील की थी। हालांकि जम्मू कश्मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मामले का राज्य से बाहर करने का विरोध किया था और कहा था की पुलिस ने इस मामले में अच्छा काम किया है और वो पीड़ित को फेयर ट्रायल दिलाएंगे। सरकार ने केस को कठुआ की जगह राज्य के दूसरे हिस्से में ट्रांसफर के लिए चार विकल्प भी दिए थे लेकिन कोर्ट ने मामले को पठानकोर्ट  ट्रांसफर कर दिया और कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक हो और गवाहों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाए। मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी।

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