देश में खुले में नमाज पढ़ने के मुद्दे पर विवाद बढ़ता जा रहा है। बीते दिनों गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़े जाने का जमकर विरोध किया गया था, जिसके बाद सीएम खट्टर ने बयान देते हुए कहा था, कि कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। खुले में नमाज के चलन में लगातार इजाफा देखा जा रहा है। जबकि सार्वजनिक स्थानों की जगह सिर्फ मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज पढ़ी जानी चाहिए।

हालांकि उन्हें अपने इस बयान के बाद भारी विरोध भी झेलना पड़ा था। लेकिन अब खट्टर के समर्थन में मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन भी उतर आई हैं। उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा कि नमाज, मस्जिद या ईदगाह में ही अता की जानी चाहिए। साथ ही यह नियम अन्य धर्म के भक्तों के लिए भी लागू होना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों को अवरुद्ध करना उचित नहीं हैं।

बता दें, सीएम खट्टर के इस बयान पर कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल के नेताओं ने विरोध जताते हुए कहा था, कि अगर खुले में नमाज अता करने पर बीजेपी सरकार को आपत्ति है तो खुले में जागरण करने पर सरकार का नजरिया क्या है।

वहीं दूसरी ओर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा था, कि नमाज अता करना धार्मिक आजादी है। इसलिए किसी भी समुदाय या शख्स को ऐसा करने से नहीं रोका जा रहा है। लेकिन अगर जमीन पर कब्जा करने की नीयत से ये सब किया जाएगा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अनिल विज के इस बयान के बाद सीएम खट्टर ने अपने बयान में बदलाव करते हुए कहा था, कि अगर कोई नमाज पढ़ने में दिक्कत पैदा करता है तो उसके खिलाफ प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, कि हमारी सरकार मामले पर करीबी नजर बनाए हुए है। हालांकि उन्होंने अनुरोध करते कहा कि जहां पर जगहों की कमी है, वहां सार्वजनिक जगहों की जगह निजी जगहों या घर के अंदर नमाज पढ़ी जानी चाहिए।

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