कर्नाटक चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस जीती हो या न जीती हो लेकिन न्याय की देवी की जीत जरूर हुई है। कर्नाटक चुनाव में बहुमत साबित करने को लेकर मच रहे घमासान के बीच अब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को बदलते हुए बीजेपी को शनिवार शाम 4 बजे तक बहुमत साबित करने का मौका दिया है। इससे पहले राज्यपाल वजूभाई ने 15 दिन का लंबा समय बहुमत साबित करने के लिए बीजेपी को दिया था। इसके साथ ही जस्टिस सीकरी ने बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि ये बहुत स्पष्ट है कि जब तक आप इस कोर्ट को संतुष्ट नहीं करते हैं, तब तक आप नियुक्ति नहीं कर सकते। कोर्ट की यह टिप्पणी एंग्लो इंडियन नॉमिनेशन से संबंधित थी, जिस बारे में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने गुरुवार को फैसला लिया था।

इस फैसले के बाद अब बहुमत साबित करने के लिए बीजेपी के पास सिर्फ 28 घंटे का समय है। बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने तत्काल फ्लोर टेस्ट कराए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि कम से कम एक सप्ताह का समय मिलना चाहिए। ये राज्यपाल का विशेषाधिकार है। एक दिन फ्लोर टेस्ट का निर्देश देकर संतुलन नहीं बनाया जा सकता। लेकिन जस्टिस सीकरी और बाकी के जजों को ये बात अनुचित लगी औऱ उन्होंने रोहतगी की एक नहीं सुनी। इस फैसले से कांग्रेस और जेडीएस काफी संतुष्ट है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सम्मान किया है। सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों के सुरक्षा के निर्देश भी दिए हैं।

कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि शनिवार को शक्ति परीक्षण के लिए हम तैयार हैं। जेडीएस के तरफ से लड़ रहे वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस के साथ जेडीएस भी जल्दी फ्लोर टेस्ट चाहती है। फ्लोर टेस्ट तुरन्त होना चाहिए। कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे पास हमारे सभी विधायकों के दस्तखत वाली चिट्ठी है। रोहतगी और तुषार ने कहा कि फ्लोर टेस्ट से ही सच सामने आएगा। दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस सीकरी ने रोहतगी से कहा कि या तो आप कानून के अनुसार चलें या फिर शनिवार को सदन में बहुमत परीक्षण हो। ये आपको चुनना है, दूसरा विकल्प ज्यादा व्यावहारिक है। जस्टिस सीकरी ने सवाल उठाते हुए पूछा कि अगर दो पार्टियां अपने-अपने दावे कर रही हैं, तो गवर्नर ने किस आधार पर फैसला किया। इस पर बीजेपी के वकील ने कहा कि ये राज्यपाल का विशेषाधिकार है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्ताव देते हुए कहा कि बेहतर होगा कि शनिवार को बहुमत परीक्षण हो।

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