शांति और भाईचारे के त्योहार रमजान में भी पाकिस्तान अपनी ना पाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। सीमापार से वह लगातार भारत पर गोलियां बरसा रहा है। जबकि रमजान विशेष रूप से मुस्लिमों का त्योहार है और पाकिस्तान एक मुस्लिम देश है। इसके बावजूद वह अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए सभी चीजों का किनारा कर रहा है। बता दें कि देर रात सीमा से सटे आरएस पुरा और अरनिया सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी की गई। पाकिस्तान की फायरिंग में अरनिया सेक्टर में तैनात बीएसएफ के जवान सीताराम उपाध्याय शहीद हो गए और एक जवान जख्मी हो गया। शहीद सीताराम झारखंड के गिरीडीह के रहने वाले थे। ये फायरिंग उस वक्त की गई जब भारत ने अभी हाल ही में रमजान के महीने में सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील की है।

इस हमले में  एक जवान सहित 6 स्थानीय नागरिक घायल भी हो गए हैं। सीताराम उपाध्याय के परिवार में पत्नी सहित तीन साल की एक बेटी और एक साल का बेटा है। पाकिस्तान की ओर से लगातार जारी गोलीबारी के देखते हुए अरनिया और आरएसपुरा में सीमा के तीन किमी के दायरे में आने वाले स्कूल बंद कर दिए गए हैं। शहीद सीताराम के घर मातम छा गया है। मीडिया से बातचीत में शहीद की पत्नी ने सवाल उठाया है कि मोदी सरकार ने सीजफायर का आदेश क्यों दिया? उन्होंने कहा, ”हमें मुआवजा नहीं चाहिए। क्या सरकार मेरे पति को वापस ला सकती है। मेरे छोटे बच्चे हैं, अब इनका क्या होगा।” इस हमले के बाद भारतीय सैनिक सतर्क हैं और किसी भी हमले का माकूल जवाब देने को तैयार हैं।

बता दें कि अभी हाल ही में जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के निवेदन पर केंद्र की मोदी सरकार ने रमजान के महीने में किसी भी प्रकार की गोलीबारी करने से मना कर दिया था। रमजान को लेकर भारतीय सैनिकों ने भी अपना ऑपरेशन स्थगित कर दिया था। लेकिन पाकिस्तान ने सभी हदों को तोड़ते हुए अपनी नीचता दिखा दी।

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