Allahabad High Court ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग की 2018 की अर्द्ध सैनिक बलों (Paramilitary Forces) की भर्ती में खाली पदों को भरने की मांग में दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में चयनित विपक्षी अभ्यर्थियों को भी नोटिस जारी किया है। याचिका की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव (Saral Srivastava) ने बद्रीनाथ निषाद व 11 अन्य लोगों की याचिका पर दिया है। याचिका पर कोर्ट में अधिवक्ता पवन यादव ने बहस की। इस मामले पर अधिवक्ता पवन यादव ने कहा कि चयन प्रक्रिया में नियमों को शिथिल कर गड़बड़ी की गई है। पद खाली होने के बावजूद योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं की जा रही है। आयोग ने 58373 अर्द्ध सैनिक बलों की भर्ती निकाली। अभी भी चार हजार पद भरे नहीं गये हैं। तमाम अभ्यर्थियों के द्वारा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बावजूद भी नियुक्ति नहीं की जा रही है।
हाई कोर्ट ने यूपी सरकार से भी भर्तियों के बारे में पूछा था
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार से इसी महीने पूछा था कि क्या उत्तर प्रदेश राज्य में पुलिस सेवाओं में किसी भर्ती की प्रक्रिया अभी चल रही है और यदि ऐसी कोई प्रक्रिया चल रही है तो उस प्रक्रिया के स्टेज के बारे में जानकारी प्रस्तुत करें।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ पुलिस की भर्ती के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई कर रही थी।
यह भी पढ़ें : Allahabad High Court : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ जमानती वारंट जारी
Allahabad High Court का अहम फैसला, दो पक्षों के बीच हुए कॉन्ट्रैक्ट में याचिका दायर नहीं की जा सकती