Allahabad HC: डेढ़ माह में लेखपाल का दोबारा तबादला करने के आदेश पर रोक, सरकार से तीन हफ्ते में मांगा जवाब

Allahabad HC: 21 मार्च 22 को याची का तबादला महमूद पुर माफी से मोहम्मदपुर बस्तौर एसडीएम बिलारी ने किया था। वहीं 8 मई 22 को अलाहदादपुर तबादला कर दिया गया।

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Allahabad HC:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुरादाबाद के मोहम्मदपुर बस्तौर के लेखपाल के अलाहदादपुर तबादले पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही राज्य सरकार और विपक्षी से तीन हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।याचिका की सुनवाई 25 जुलाई को होगी।ये आदेश न्यायमूर्ति जेजे.मुनीर ने तेहर सिंह की याचिका पर दिया है।याचिका पर वरिष्ठ वकील दयाशंकर मिश्र और चंद्रकेश मिश्र ने बहस की।

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Allahabad HC: तबादले को दी कोर्ट में चुनौती

21 मार्च 22 को याची का तबादला महमूद पुर माफी से मोहम्मदपुर बस्तौर एसडीएम बिलारी ने किया था। वहीं 8 मई 22 को अलाहदादपुर तबादला कर दिया गया। याची के स्थान पर कुछ माह पहले ही स्थानांतरित हुए किशनलाल सैनी की तैनाती का आदेश दिया गया है।वह चांगेरी में तैनात था। अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर याची को हटाकर अपना तबादला करा लिया। गौरतलब है कि डेढ़ माह के भीतर ही याची का दोबारा तबादला किया गया है।जिसे चुनौती दी गई है।

Allahabad HC: विजिलेंस जांच पर कोर्ट ने लगाई रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिद्धार्थनगर में तैनात पांच ग्राम पंचायत अधिकारियों के विरुद्ध प्रस्तावित विजिलेंस जांच पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार से जवाब मांगा है।कोर्ट ने यह रोक याची के खिलाफ पहले हुई जांच में उसे बरी करने के बाद उसी मामले की दोबारा विजिलेंस जांच करवाए जाने पर लगाई है। ये आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने कलीमुजफ्फर एवं चार अन्य की याचिका पर दिया है।

Allahabad HC:याचियों की नियुक्ति संबंधी पत्रावली तलब

याचिका के अनुसार विजिलेंस विभाग ने वर्ष 2020 में 11 ग्राम पंचायत अधिकारियों की नियुक्ति की जांच करने का निर्णय लिया था। इसी क्रम में विजिलेंस विभाग ने पंचायती राज निदेशालय से याचियों की नियुक्ति संबंधी पत्रावली तलब की है।

याचियों की ओर से कहा गया कि याचियों की नियुक्ति की जांच वर्ष 2019 में सिद्धार्थनगर के जिला पंचायतराज अधिकारी द्वारा की जा चुकी है।डीपीआरओ ने अपनी जांच में याचियों की नियुक्ति को वैध पाया था। वहीं स्थायी वकील ने कहा कि याचियों की नियुक्ति की विजिलेंस जांच आवश्यक है। विजिलेंस जांच पर कानूनी रोक नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद विजिलेंस जांच के आदेश को अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दिया।राज्य सरकार को अगले छह सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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