उद्धव V/S शिंदे: Supreme Court के 7 जजों की बड़ी बेंच अब करेगी मामले पर सुनवाई

Supreme Court:मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, कृष्ण मुरारी, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा की बेंच यह फैसला सुनाएगी। सुनवाई के दौरान उद्धव कैंप ने शिंदे की बगावत और उनकी सरकार के गठन को गैरकानूनी बताया था।

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Maharashtra Politics: Supreme Court Decision
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Supreme Court: महाराष्ट्र संकट पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सुनवाई की।सीजेआई ने कहा कि 16 विधायकों की योग्‍यता का फैसला बड़ी बेंच को भेजा जाएगा।फैसले के लिए 7 जजों की बेंच बैठ सकती है।सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा नबाम रेबिया मामले में सवाल को बड़ी बेंच में भेजना चाहिए। उन्होंने कहा स्पीकर को हटाने के लिए अगर नोटिस है तो क्या वो विधायकों की अयोग्यता की अर्जी का निपटारा कर सकता है?

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, कृष्ण मुरारी, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा की बेंच ने फैसला सुनाया।

Maharashtra Politics and Supreme Court Decision
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Supreme Court: फैसला सुरक्षित रखा था

Supreme Court: प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 न्यायाधीशों की पीठ ने उद्धव और शिंदे दोनों गुटों और राज्यपाल के कार्यालय की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। न्यायमूर्ति एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की सदस्यता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, देवदत्त कामत और अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई पूरी की थी। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल, हरीश साल्वे, महेश जेठमलानी और अधिवक्ता अभिकल्प प्रताप सिंह की दलीलें भी सुनीं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले में राज्यपाल कार्यालय की पैरवी की।

नौ दिन की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा। 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 9 दिन की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन याचिकाओं पर सुनवाई 21 फरवरी से शुरू हुई थी। इससे पहले 17 फरवरी को शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र में जून 2022 में पैदा हुए सियासी संकट संबंधी याचिकाओं को 7 न्यायाधीशों की पीठ को भेजने से इनकार कर दिया था। इनमें 2016 के नबाम रेबिया फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया गया था।

Supreme Court:जानिए क्‍या था अरुणाचल प्रदेश के नबाम रेबिया केस का फैसला?

Supreme Court:न्यायालय ने 2016 में अरुणाचल प्रदेश के नबाम रेबिया के मामले पर फैसला दिया था, कि यदि विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए नोटिस सदन में पहले से लंबित हो, तो वह विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए दी गई अर्जी पर कार्यवाई नहीं कर सकता। दरअसल, 29 जून 2022 को महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट चरम पर पहुंच गया था, जब शीर्ष अदालत ने ठाकरे के नेतृत्व वाली 31 महीने पुरानी एमवीए सरकार का बहुमत परीक्षण कराने के राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भाजपा सरकार बनी थी।

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