लोकतंत्र की खामियों को ‘सुजानपुर का लोकतंत्र’ में दुरुस्त करते दिखते हैं लेखक सुरेश कुमार

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Sujanpur Ka Loktantra: भारतीय समाज में लोक जागरूकता और शिक्षाप्रद जानकारी देने के लिए न जाने कितने समय से जंगल की दुनिया की न जाने कितनी कहानियां कही गई हैं। विष्णु शर्मा का पंचतंत्र तो इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। मेरी नजर में विष्णु शर्मा ने शिक्षित करने के लिए जंगल और उसके जीव जंतुओं का सहारा इसलिए लिए होगा क्योंकि ग्रामीण या नगरीय समाज में रहने वाला मनुष्य जंगल से समय के साथ दूर होता गया। बाद में जंगल की कहानी सुनना उसके लिए कौतूहल का विषय बन गया। इसलिए किसी बात को कहने या उदाहरण देने के लिए जंगल की कहानी कही जाने लगी।

यही नहीं मनुष्य जब आदिम अवस्था में भी रहा होगा या कबीले में तब भी वह जानवरों के नजदीक रहा , यानी पृथ्वी ग्रह पर रहने वाले मनुष्य के लिए अपने साथी जीवों के प्रति जिज्ञासु होना स्वाभाविक लगता है। इसलिए शायद हमारे लोक में भी जो कहानी या मुहावरे हैं उनमें हमको जीव जंतुओं का उदाहरण मिलता है। मनुष्य ने जो साहित्य सृजन किया उसमें जानवरों और जंगल का इतना उल्लेख क्यों है ये अपने आप में किसी शोधार्थी के लिए शोध का विषय हो सकता है। अब आते हैं उस विषय पर जिसके लिए मुझे इतनी भूमिका बांधनी पड़ी।

दरअसल जिस किताब को मैं इस समय पढ़ रहा हूं उसमें लेखक ने कहानी कहने के लिए इसी माध्यम को चुना है। डॉ. सुरेश कुमार के उपन्यास ‘सुजानपुर का लोकतंत्र’ में लेखक ने सुजानपुर के संसार को रचा है। सुजानपुर में मंकू , जो कि एक बंदर है, समेत कई सारे जीव जंतु हैं।

जैसे कि हर रचनाकार के निजी जीवन का उसकी रचना पर गहरा प्रभाव रहता है वैसा ही कुछ डॉ. सुरेश कुमार के मामले में भी है। मसलन लेखक पत्रकारिता में लंबा अनुभव रखते हैं इसका एहसास किताब को पढ़ते हुए आपको भी होगा। भले ही उन्होंने रचना संसार जंगल का गढ़ा हो लेकिन इस रचना में उन विषयों को उठाते दिखते हैं जिनसे वे पत्रकारिता के दिनों में दो चार हुए होंगे।

उदाहरण के लिए मंकू अपने एक पत्रकार मित्र से अक्सर सलाह मशविरा करने जाता रहता है। मंकू के पत्रकार मित्र उसके भीतर जंगल में जीवंत लोकतंत्र स्थापित करने की अलख जगाते हैं। कहीं न कहीं रचनाकार ने जो अपने समाज में कमी देखी है उसे अपने रचना संसार सुजानपुर में पूरा करने की कवायद की है।

इस किताब को पढ़ने की एक वजह यह भी होनी चाहिए कि लेखक ने पर्यावरण के दोहन के प्रश्न को भी उठाया है। आपको इस उपन्यास को पढ़ते हुए बार-बार उल्लेख मिलेगा कि यमुना नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है और यह सुजानपुर के लोगों के पीने लायक नहीं है। यहां तक कि सुजानपुर में ये एक चुनावी मुद्दा भी है। लेखक लंबे समय से दिल्ली-एनसीआर में रहे हैं और उन्होंने यमुना की स्थिति और उसके आसपास के जीवतंत्र को हुए नुकसान को समझा है। उदाहरण के तौर पर लेखक के घर पर मंकू और उसके मित्र यानी दूसरे बंदर आते हैं। अगर देखा जाए तो एनसीआर को बसाए जाने से पहले से ये क्षेत्र मंकू और उसके जैसे जीवों का आवास रहा होगा लेकिन मानव ने अपनी सुविधा के लिए जमीन का अधिग्रहण किया और रहने लगा। मंकू के पत्रकार मित्र स्वयं इस बात को स्वीकार भी करते हैं।

इस उपन्यास की दिलचस्प बात ये है कि मंकू खुद भी इंसानों की दुनिया पर नजर बनाए हुए है। जैसे कि वह संसद मार्ग और जंतर-मंतर के पास के पेड़ों पर बैठ इंसानों का धरना प्रदर्शन और आंदोलन देखता है। इस रचना को लिखने का समय जो भी रहा हो लेकिन इसमें भारतीय राजनीति में हुई घटनाओं से मिलती जुलती घटनाओं को होते दिखाया गया है। जो इस उपन्यास को मौजूदा समय से भी जोड़ देता है।

सबसे अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि यह उपन्यास लोकतांत्रिक व्यवस्था पर अपने आप में एक विशिष्ट टिप्पणी है। लेखक ने बतौर पत्रकार न जाने कितने चुनाव कवर किए होंगे, हमारे यहां तो चुनाव को ही लोकतंत्र का पर्व माना जाता है। ऐसे में किताब को पढ़ते वक्त लोकतंत्र को लेकर एक नया नजरिया, एक महीन समझ भी देखने को मिलती है।

लेखक खुद भूमिका में लिखते हैं, ” आज लोकतंत्र दुनिया में इतना जरूरी हो चुका है कि कुछ ताकतवर देशों ने दूसरे कमजोर देशों में लोकतंत्र लाने के लिए वहां सैन्य हमला कर दिया। ताकतवर मुल्कों के लोकतंत्र से प्यार में कमजोर मुल्क बर्बाद हो गए।” लेखक मौजूदा लोकतांत्रिक व्यवस्था को आईना भी दिखाते हैं, जहां उन्होंने लिखा है कि मंकेश्वर इंसानों के जंगल में नेता नहीं बनना चाहता है।

अगर इस टिप्पणी को पढ़ने के बाद यह लगे कि हमें किताब पढ़नी चाहिए तो बिल्कुल आपको ऐसा करना चाहिए। 138 पेजों की यह किताब पेपरबैक रूप में पढ़ने में सुविधाजनक है। आप एक सिटिंग में भी इस किताब को पूरा कर सकते हैं। अगर सफर में भी हैं तो आराम से हाथों में ये किताब आ जाती है और इसे आप पढ़ सकते हैं।

इस किताब को राजपथ प्रकाशन ने छापा है। पेपरबैक में यह 249 रुपये और हार्डकवर में 349 रुपये में उपलब्ध है। फ्लिपकार्ट और अमेजन से आप ऑर्डर भी कर सकते हैं।

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