सत्ता में आने के बाद योगी सरकार अपने एक और वादे को पूरा करने की तैयारी में है…आज होने वाली कैबिनेट बैठक में निजी स्कूलों के मनमाने फीस स्ट्रक्चर पर शिकंजा कसने के लिए प्रस्तावित यूपी स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय, शुल्क का विनियमन कानून के ड्राफ्ट को मंजूरी दे सकती है…इसमें निजी स्कूलों के मनमानेपूर्ण अवैध फीस वसूली पर 5 लाख रुपये तक का  जुर्माना लगाने के साथ ही मान्यता खत्म किए जाने तक का प्रावधान है…प्रस्तावित कानून के दायरे में प्री-प्राइमरी और अल्पसंख्यक स्कूल भी शामिल हैं…लेकिन प्री-प्राइमरी (प्ले वे) स्कूल इसके दायरे से बाहर रहेंगे…

यूपी स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय, शुल्क का विनियमन ड्राफ्ट के मुताबिक स्कूल अपनी वेबसाइट, नोटिस बोर्ड और प्रोस्पेक्टस में प्रवेश फार्म के साथ ही मान्यता, संबंद्धता, स्कूल में नामांकन की नीति और फीस आदि का विवरण रहेगा…साथ ही फीस के डिटेल के साथ ही यह भी छपा होगा कि फीस मासिक, तिमाही या छमाही होगी…कोई भी स्कूल एक बार में अभिभावकों से साल भर की फीस भरने की बाध्यता नहीं रखेगा…निर्धारित फीस से अधिक फीस और कैपिटेशन फीस नहीं ली जा सकेगी…छात्र या अभिभावक को किताबें, स्टेशनरी और यूनिफार्म किसी खास दुकान से खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा…

इसके साथ ही…….स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा, रजिस्ट्रेशन और एग्जामिनेशन फी ले सकेंगे… इसके अलावा प्रोस्पेक्टस और ऐडमिशन के लिए सिर्फ प्रवेश के समय ही फीस ली जा सकती है…। ट्रांसपॉर्टेशन फीस, भोजन और बोर्डिंग की सुविधाओं के लिए भी ऐच्छिक रूप से फीस लिया जा सकेगा…जबकि, कानून का उल्लंघन करने पर पहली बार स्कूल पर एक लाख रुपये का जुर्माना, दोबारा उल्लंघन की शिकायत मिलने पर 5 लाख रुपये की दण्ड देना होगा और तीसरी बार पकड़े जाने पर स्कूल की मान्यता रद्द कर उसके विकास फंड को जब्त कर लिया जाएगा…दरअसल योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद शिक्षा व्यवस्था में सुधार और निजी स्कूलों के मनमाने फीस वसूलने पर सख्त कदम उठाने का दावा किया था…ये ड्रफ्ट उसी वादे  को पूरा करने की दिशा में उठाया गया कदम है…

एपीएन ब्यूरो

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