योगी सरकार का ध्यान कई दिनों से उन बिल्डरों पर था जो नियम कानून में लापरवाही बरत रहे थे और ग्राहकों को उनका फ्लैट देने में आनाकानी कर रहे थे। ऐसे में योगी सरकार ने बिल्डरों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 8 बिल्डरों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। दरअसल, सरकार की मंशा है कि हर हाल में 50 हजार खरीदारों को 30 दिसम्बर तक फ्लैट का कब्जा दे दिया जाए। लेकिन अभी तक बिल्डरों ने सिर्फ 13500 फ्लैटों का ही कब्जा खरीदारों को दिया है। जबकि समय सीमा खत्म होने में अब सिर्फ 25 दिन ही बचे हैं। वहीं दूसरी तरफ नोएडा के अधिकारियों ने उन बिल्डरों के नाम बताने से इंकार कर दिया है जिनपर कार्रवाई की जाएगी।

यूपी सरकार द्वारा नोएडा में प्रॉपर्टी क्षेत्र की समस्याओं को हल करने के लिए मंत्रियों का एक समूह गठित किया गया है। समिति में शहरी आवास मंत्री सुरेश खन्ना, उद्योग मंत्री सतीश महाना और गन्ना विकास और चीनी मिलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा शामिल हैं। शहरी आवास मंत्री सुरेश खन्ना ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि उन सभी बिल्डरों पर कार्रवाई की जाए जिन्होंने घर खरीदारों को मकान नहीं सौंपे हैं और जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। बता दें कि इसी साल सितंबर महीने में नोएडा पुलिस ने 6 बिल्डरों के खिलाफ 13 एफआईआर दर्ज किये थे। ये बिल्डर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अपना हाउसिंग प्रोजेक्ट चला रहे हैं। जिन कंपनियों के खिलाफ शिकायत की गई थी उनमें आम्रपाली, सुपरटेक, अलपाइन रियलटेक, प्रोव्यू ग्रुप, टुडे होम्स और जेएनसी कंस्ट्रक्शंस शामिल हैं।

 

बता दें कि 12 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 हजार फ्लैट देने का आदेश दिया था। अधिकारियों के मुताबिक नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे इन तीनों विकास प्राधिकरणों की योजना इस साल तक 32 हजार 500 फ्लैट देने की है। लेकिन अब समिति ने बाकी 17 हजार 500 फ्लैट भी देने को कहा है।

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