देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में काफी समय से चल रहे विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को पद से हटाकर छुट्टी पर भेजने का केंद्र का फैसला निरस्त कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि आलोक कुमार वर्मा को पद से नहीं हटाया जाना चाहिए था। आलोक वर्मा सीबीआई के डायरेक्टर बने रहेंगे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आलोक वर्मा जांच पूरी होने तक कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते हैं।
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— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) January 8, 2019
उच्च स्तरीय सेलेक्ट कमेटी करेगी वर्मा पर फैसला
अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को कानून के तहत सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का कोई अधिकार नहीं है। सिर्फ सेलेक्ट कमेटी के पास ही ये अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई पावर सेलेक्ट कमेटी में प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में नेता विपक्ष होंगे। कोर्ट ने ये भी कहा कि ये कमेटी एक हफ्ते के भीतर वर्मा पर कार्रवाई पर फैसला ले। इस दौरान आलोक वर्मा कोई भी नीतिगत फैसला नहीं लेंगे। कोर्ट ने ये भी कहा कि आगे से ऐसे बड़े मामलों में उच्च स्तरीय कमेटी ही फैसला करेगी।
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एक सप्ताह तक नीतिगत फैसला नहीं लेंगे वर्मा
इस मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि कोर्ट ने सरकार और सीवीसी के फैसले को पलटते हुए सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को पद पर बहाल करने का फैसला सुनाया है। साथ ही प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और सीजेआई वाली उच्च स्तरीय कमेटी के पास ये मामला भेजने को कहा है। ये कमेटी एक सप्ताह के भीतर इस पर फैसला लेगी। प्रशांत भूषण ने इसे वर्मा की अधूरी जीत बताते हुए कहा कि इस दौरान वर्मा कोई भी नीतिगत फैसला नहीं ले सकेंगे।
#BreakingNews : #सुप्रीम कोर्ट ने कहा-आलोक वर्मा नीतिगत फैसले नहीं लेंगे, ‘उच्च स्तरीय कमेटी आलोक वर्मा पर कार्रवाई कर सकती है’ #SupremeCourt #CBIvsCBI #CBI #AlokVerma
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राफेल घोटाले की जांच रोकने के लिए सरकार ने आलोक वर्मा को हटाया : केजरीवाल
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर विपक्षी पार्टियां भी केंद्र सरकार की आलोचना कर रही हैं। आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि राफेल मामले पर जारी विवाद को रोकने के लिए आलोक वर्मा को गलत तरीके से हटाया गया था। उन्होंने मोदी सरकार पर सभी लोकतांत्रिक संस्थानों की स्वायत्तता को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया।
SC reinstating CBI director Alok Verma is a direct indictment of the PM. Modi govt has ruined all institutions and democracy in our country. Wasn’t CBI director illegally removed at midnight to stall the probe in Rafale scam which directly leads to PM himself?
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 8, 2019
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस फैसले पर बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री एक बार फिर पहले प्रधानमंत्री हो गए हैं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के सामने सीबीआई को नुकसान पहुंचाने के मामले में एक्सपोज होना पड़ा। सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, ‘मोदी पहले पीएम बन गए हैं जिनके गैरकानूनी आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया है। उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में कहा, ‘मोदी जी कृपया याद रखें कि सरकारें आती और जाती हैं। संस्थानों की स्वायत्तता स्थिर रहती है। इसे एक सबक की तरह याद रखें।
Modiji adds another 1st to his list
After being the first PM to be exposed destroying the #CBI before the SC,
After having ruined CVC’s credibility (requiring supervision by former SC judge),
Mr. Modi has now become 1st PM to have his illegal orders set aside by the SC.
1/2— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 8, 2019
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने भी इस मामले में ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले भी आलोक वर्मा के पास सीबीआई निदेशक की शक्तियां नहीं हैं और फैसला आने के बाद भी उनके पास सीबीआई निदेशक की ताकतें नहीं हैं।
Before the Supreme Court verdict; Alok Verma didn’t have powers of CBI Chief, couldn’t take any decision on policy or investigation.
After Supreme Court verdict : DITTO !!!— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) January 8, 2019