मुज़फ्फरनगर के कलेक्ट्रेट परिसर में पिछले 21 साल से भू–माफियाओं के खिलाफ धरना चल रहा है। यह धरना दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला धरना बन चुका है। 26 फरवरी 1996 को मुज़फ्फरनगर के गांव चौसाना (जो अब शामली जनपद में है ) की लगभग चार हजार 300 बीघा सार्वजनिक भूमि पर भू-माफियाओ के अवैध कब्जे के खिलाफ गांव के ही मास्टर विजय सिंह ने बीड़ा उठाते हुए मुज़फ्फरनगर के कलेक्ट्रेट परिसर में धरना शुरू किया था। तब से अब तक धरना बदस्तूर जारी है। इस धरने की आवाज लखनऊ तक भी गूंजी जिसके चलते लगभग 350 बीघा जमीन कब्जामुक्त भी कराई जा चुकी है। भू-माफियाओं पर लगभग 150 मुक़दमे भी दर्ज हुए हैं। 3200 बीघा जमीन को कब्जा मुक्त कराने के आदेश दिए जा चुके हैं लेकिन लचर व्यवस्था,कमज़ोर प्रशासन और सुस्त सरकारी कार्यप्रणाली के चलते आज भी सार्वजनिक जमीन पर भू-माफियाओ का कब्जा बरक़रार है।
शिक्षक की नौकरी करने वाले मास्टर विजय सिंह को न सिर्फ दबंगों बल्कि प्रशासन और आज तक यूपी में बनी सरकारों से भी न्याय के लिए दो-दो हाथ करना पड़ा है। मास्टर इस लम्बे अंतराल में मुज्ज़फरनगर से लखनऊ पैदल यात्रा करने से लेकर जनलोकपाल के लिए रामलीला मैदान में हुए अन्ना आन्दोलन में भी शामिल हो चुके हैं।
दुनिया का सबसे लंबा धरना होने के चलते इसे लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड,एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड,यूनिक ऑफ़ रिकॉर्ड ,इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड जैसे अवार्ड से भी नवाज़ा जा चुका है। इस धरने की शुरुआत मास्टर विजय सिंह ने भूखे लोगों की पीड़ा को देखते हुए की थी। उन्होंने इसे अपने जीवन का उद्देश्य और मकसद बना लिया। इस दौरान उन्हें अपनी नौकरी छोड़ने से लेकर कई अन्य परेशानियों से गुजरना पड़ा लेकिन दृढ़ प्रतिज्ञा ले चुके मास्टर को कोई मज़बूरी डिगा न सकी।
सामाजिक सरोकार के इस मुद्दे में पहले तो परिवार ने भी मास्टर का दिल खोल कर उनका सहयोग दिया लेकिन वक़्त बीतने के साथ दबंगों और भू-माफियाओं के आँख का काँटा बने विजय को परिवार ने पहले तो धरना समाप्त करने को कहा और बाद में खुद इनसे दूर होते चले गए। मास्टर विजय सिंह के परिवार में तीन बच्चे (दो लड़कियां,एक लड़का)हैं। मास्टर विजय सिंह कलेक्ट्रेट में एक छोटी सी जगह अपना बिस्तर लगाकर सालों से रह रहे हैं। उनके कुछ साथी उन्हें जीविका चलाने में सहयोग करते हैं और उन्हे रोजाना उपयोग की चीजे लाकर देते है जिससे मास्टर जी अपना जीवन व्यतीत करते है। मास्टर ने बातचीत के दौरान कहा कि उनका मकसद न्याय पाना और गरीबों की जमीन वापस दिलाना है वह इस लड़ाई को अपनी अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
आज के समय में अपने स्वार्थ और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जूझते इन्सान के बीच मास्टर विजय सिंह जैसे लोग समाज के लिए प्रेरणा होने के साथ ही गरीबों का मसीहा बताने वाले नेताओं के लिए आईना हैं। मास्टर के जज्बे और संकल्प को हमारा सलाम।