एसवाईएल नहर की खुदाई मामले में गुरूवार को अभय चौटाला समेत हरियाणा के कई इंडियन नेशनल लोकदल यानी इनेलो के नेताओं को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इन सभी को निषेधाज्ञा के उल्लंघन करने पर गिरफ्तार किया है। हरियाणा-पंजाब सीमा पर शंभू बैरियर के पास पुलिस ने कुल 73 नेताओं को धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया। इन गिरफ्तार नेताओं में अभय चौटाला समेत अशोक अरोड़ा, राम पाल माजरा समेत कई पार्टी विधायक और कार्यकर्ता शामिल हैं।

पंजाब पुलिस के डीआईजी आशीष चौधरी ने कहा कि हमने सभी नेताओं को धारा 144 का उल्लंघन करने पर गिरफ्तार किया। पुलिस अधिकारी के मुताबिक उनपर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 यानी लोकसेवक द्वारा जारी आदेश को ना मानने के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दरअसल, सतलज-यमुना लिंक नहर की घग्गर सराय में खुदाई के एलान के बाद नेशनल लोकदल के कार्यकर्ता अंबाला में जुटे। जब इनेलो कार्यकर्ता को पंजाब में घुसने नहीं दिया गया तो उन्होंने हरियाणा में ही सड़क की खुदाई शुरू कर दी। इसके बाद अभय चौटाला को गिरफ्तार कर लिया गया। पंजाब और हरियाणा पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पंजाब पुलिस के 5,000 जवान, पैरा मिलिट्री फोर्सेस की 10 कंपनियां और हरियाणा की तरफ से करीब 1,000 पुलिस जवान तैनात किए गए थे। हरियाणा और पंजाब प्रशासन की कोशिश है कि हालात बिगड़ने ना पाएं।

 सतलुज-यमुना विवाद का घटनाक्रम:

  • पंजाब-हरियाणा के बीज पानी को लेकर है विवाद।
  • 1966 में पंजाब का बंटवारा होने के बाद हरियाणा एक अलग राज्य बना और तब से पानी के बंटवारे को लेकर विवाद शुरू हुआ।
  • 1976 में केंद्र सरकार ने पंजाब के 2 एमएएफ पानी में से 3.5 हिस्सा हरियाणा को देने की अधिसूचना जारी की।
  • बाद में पंजाब से हरियाणा के हिस्से का पानी लाने के लिए सतलुज नदी से यमुना नदी को जोड़ना वाली एक नहर की योजना बनी। इसी को सतलुज-यमुना लिंक कहते हैं।
  • 1996 में SYL मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा।
  • 2002 और 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को निर्देश दिए कि वो अपने हिस्से का काम पूरा करे।
  • 12 जुलाई 2014 को पंजाब विधानसभा ने एक बिल पास कर पंजाब के पानी को लेकर पुराने सभी समझौतों को रद्द कर दिया।
  • 17 मार्च 2016 को कोर्ट ने नहर विवाद में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए।
  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह सचिव, पंजाब के मुख्य सचिव और पंजाब पुलिस के डीसीपी को ज्वाइंट रिसीवर नियुक्त किया था।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीनो अफसर संयुक्त न्यायिक रिसीवर होंगे, जो नहर क्षेत्र के संरक्षक होंगे।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि नहर का निर्माण करना ही होगा और कहा कि नहर में कितना पानी आएगा ये बाद में तय किया जाएगा। कोर्ट ने सख्ती जारी करते हुए कहा है कि कोर्ट इस मामले में पहले भी दो बार आदेश जारी कर चुका है अब पंजाब और हरियाणा आपस में समझौता करके नहर बनाएंगे तो अच्छा होगा। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि सतलुज-यमुना लिंक को लेकर यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश बरकरार रहेगा। राज्यों में कानून व्यवस्था बनाएं रखने की जिम्मेदारी दोनों राज्यों पर है, दोनों राज्य सुनिश्चित करें कि लिंक नहर को लेकर कानून वयवस्था ना बिगड़े।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here