पीएम मोदी इन दिनों भारत के सबसे विश्वनीय सहयोगी रूस के दौरे पर हैं। बीते कुछ महीनों में अमेरिका से बढ़ती दोस्ती के कारण ऐसा माना जा रहा था कि भारत रूस के बीच दूरियां बढ़ती जा रही है। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री ने रूस जाकर अपने पड़ोसी देशों के साथ-साथ पूरी दुनिया को यह संदेश दे दिया है कि भारत और रूस के बीच की दोस्ती अभी भी उतनी ही मजबूत है जितना की पहले थी।

World saw India-Russia friendship, many important agreements between the two countriesरूस ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) समेत परमाणु हथियार अप्रसार की अन्य व्यवस्था में इसकी सदस्यता पर अपना पूरा समर्थन देने के वादे को एक बार फिर से दोहराया। रूस के इस वादे से पाकिस्तान और चीन की चिंता में इजाफा हुआ है।

गुरुवार को व्लादिमीर पुतिन से पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई। इस दौरान कई समझौते हुए, जिनमें से सबसे अहम रहा- एस-400 डिफेंस सिस्टम। इसपर दोनों देशों की डील पक्की हो गई है और जल्द ही ये भारत को मिल सकता है। रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन ने ऐलान किया कि भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली एस-400 की आपूर्ति की तैयारियां जारी हैं।

इसके अलावा भारत और रूस के बीच तमिलनाडु के कुडनकुलम में न्यूक्लियर पावर प्लांट की दो नई यूनिट के लिए डील फाइनल कर ली गई है। आपको बता दें कि कुडनकुलम न्यूक्लियर प्रोजेक्ट की ये दोनों यूनिट की क्षमता एक-एक हजार मेगावाट बिजली पैदा करने की होगी।

पीएम मोदी ने इस मौके पर एक और खास ऐलान किया कि दिल्ली में एक सड़क का नाम दिवंगत राजदूत अलेक्जेंडर कडकिन के नाम पर रखा जाएगा। पीएम मोदी ने उन्हें याद करते हुए कि वो भारत के एक महान मित्र थे।

इसके बाद पीएम ने भारत और रूस की पुरानी दोस्ती के बारे में याद दिलाते हुए कहा कि 70 सालों से दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा संबंध है। भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग को अब नई दिशा दी जा रही है। आर्थिक संबंधों में तेजी लाना दोनों देशों का उद्देश्य है। भारत के प्रधानमंत्री ने रूसी राष्ट्रपति से विस्तार में काफी देर तक बातचीत की और कहा ‘संस्कृति से सुरक्षा तक हमारी भाषा समान है।’

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