विश्व दयालुता दिवस (World Kindness Day) आज पूरे विश्व भर में मनाया जा रहा है। इसे हर साल 13 नवंबर को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत जापान (Japan) से हुई थी। साल 1997 में टोक्यो (Tokyo) में पहली बार दया के लिए विश्व आंदोलन सम्मेलन रखा गया था। पिछले 24 साल से हर साल विश्व दयालुता दिवस मनाया जा रहा है।
यह है मुख्य उद्देश्य
World Kindness Day का मुख्य उद्देश्य है, लोगों को अच्छे काम के लिए प्रेरित करना, जैसे भूखे को खाना खिलाना, गरीब की मदद करना, किसी पर अत्याचार नहीं करना और भेदभाव को दूर रखना। इस काम को आगे बढ़ाने के लिए दुनियाभर में तमाम एनजीओ संगठन को कानून के तहत आधिकारिक एनजीओ के रूप में रजिस्टर किया।
विश्व दयालुता दिवस की शुरुआत जापान की राजधानी टोक्यो में 1997 से यह हुई लेकिन साल 2000 के बाद इस आंदोलन को आधिकारिक दर्जा मिला। आज कई देशों में 13 नवंबर को दयालुता दिवस मनाया जाता है। यह कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान, नाइजीरिया सहित संयुक्त अरब अमीरात में भी मनाया जाता है। हालांकि लंबे अरसे बाद सिंगापुर भी इस मुहिम में शामिल हो गया। और भारत और इटली में इस मुहिम का हिस्सा बन गया।
1998 में हुई शुरुआत
आपको बता दें कि विश्व दयालुता दिवस की शुरुआत साल 1998 में वर्ल्ड काइंडनेस मूवमेंट संगठन द्वारा की गई थी, जिसकी स्थापना 1997 के टोक्यो सम्मेलन में दुनिया भर के दयालु संगठनों द्वारा की गई थी। साल 2019 में, इस संगठन को स्विस कानून के तहत एक आधिकारिक एनजीओ के रूप में पंजीकृत किया गया था। वर्तमान में, वर्ल्ड काइंडनेस मूवमेंट में 28 से अधिक राष्ट्र शामिल हैं जिनका किसी भी धर्म या राजनीतिक मूवमेंट से संबद्ध नहीं है।
भगवत गीता में लिखा गया है दया सबसे बड़ा धर्म है। कहा जाता है दयालु व्यक्ति पर भगवान की कृपा बनी रहती है। किसी धर्म को निभान है तो दया को निभाएं इससे बड़ा कोई धर्म नहीं है।
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