आने वाले समय मे दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच संघर्ष तेज हो सकता है। दरअसल केंद्र सरकार दिल्ली सरकार से अधिक उपराज्यपाल को ताकतवर बनाना चाहती है। इस सिलसिले में गृह मंत्रालय ने लोकसभा में बिल भी पेश कर दिया गया है। इस बिल के अनुसार दिल्ली सरकार को स्वतंत्र रूप से कानून बनाने का कोई अधिकारी नहीं होगा। कानून बनाने के लिए उपराज्यपाल से मशवरा करना होगा। खबर सामने आते ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार पर हमलावर हो गए हैं। केजरीवाल ने कहा कि, एमसीडी चुनाव में हार के बाद पर्दे के पीछ केंद्र सरकार सत्ता हथियाने की तैयारी कर रही है।

केजरीवाल ट्वीट कर लिखते हैं, “दिल्ली के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 8 सीटें और एमसीडी उपचुनाव में एक भी सीट न पाकर रिजेक्ट हुई बीजेपी ने अब पर्दे के पीछे से सत्ता हथियाने की तैयारी कर ली है। इसी के तहत उसने आज लोकसभा में बिल पेश किया है। यह सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच के फैसले के खिलाफ है। हम बीजेपी के असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक कदम का विरोध करते हैं।”

नए बिल के अनुसार

दिल्ली में उपराज्यपाल ही सरकार होगी।

राज्यपाल के पास विधानसभा से पारित किसी भी विधेयक को वही मंजूरी देने का अधिकार होगा

दिल्ली सरकार को शहर के संबंध में कोई भी निर्णय लेने से पहले उपराज्यपाल से मशविरा लेना होगा।

दिल्ली सरकार अपनी ओर से कोई कानून स्वतंत्र रूप नहीं बना सकेगी।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 जुलाई, 2018 को दिए अपने एक फैसले में कहा था कि सरकार के दैनिक कामकाज में उपराज्यपाल की ओर से दखल नहीं दिया जा सकता।  शीर्ष अदालत ने कहा था कि उपराज्यपाल सरकार की सहायता में काम कर सकते हैं और मंत्री परिषद के सलाह के रूप में अपनी भूमिका अदा कर सकते हैं। हालांकि वह सरकार के दैनिक कामकाज में दखल नहीं दे सकते। इस बिल को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सीएम का कहना है कि इसके जरिए बीजेपी पर्दे के पीछे से सत्ता हथियाना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच की ओर से दिए गए फैसले के विपरीत है। 

वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी केंद्र पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, केंद्र संसद में नया कानून लेकर आई है। इसके मुताबिक दिल्ली में उपराज्यपाल ही सरकार होंगे। सिसोदिया ट्वीट कर लिखते हैं, “बीजेपी आज संसद में नया क़ानून लेकर आई है। इसके मुताबिक दिल्ली में उपराज्यपाल ही सरकार होंगे और मुख्यमंत्री, मंत्री को अपनी हर फ़ाईल LG के पास भेजनी होगी। चुनाव के पहले बीजेपी का घोषणापत्र कहता है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाएंगे। चुनाव जीतकर कहते हैं दिल्ली में LG ही सरकार होंगे।”

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