उत्तराखंड के पौड़ी के श्रीनगर के इलाकों के जंगलों में लगी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है…आग का दायरा बढ़कर सात किलोमीटर हो गया है…लेकिन वन विभाग ने अब तक आग बुझाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है…स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि, वन विभाग को उन्होंने कई बार फोन किया लेकिन वो मौके पर आकर राहत कार्य चलाने के  झूठे दावे करते हैं लेकिन मौके पर आते ही नहीं हैं…

ऐसे में सात किलोमीटर के दायरे में लगी आग पौड़ी श्रीनगर के कोली गांव के लोगों के घरों तक कभी भी पहुंच सकती है…जिससे जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता है…एक आंकड़े के मुताबिक उत्तराखंड में गर्मी के चलते जंगलों में भडक रही आग में झुलसकर इस साल अब तक पांच व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है…जबकि, सात अन्य घायल हुए हैं…

कुमांऊ और गढ़वाल दोनों क्षेत्रों में 1890 दशमलव 92 हेक्टेयर से ज्यादा का जंगल तबाह होने से चिंतित राज्य प्रशासन ने आग बुझाने के काम में लगे कर्मचारियों की संख्या 3000 से बढाकर दोगुनी करने के दावे किये हैं…लेकिन पौड़ी के श्रीनगर के इलाकों के जंगलों में सात किलोमीटर के एरिया में लगी विकराल आग वन विभाग के निकम्मेपन को बयान कर रहा है…

गर्मियां शुरू होते ही पहाड़ के जंगल धू-धू कर जलने लगे हैं…आग से यातायात भी प्रभावित हुआ है…इसके अलावा राज्य को भारी राजस्व का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है…चीड़ और साल के पेडों की बहुतायत वाले पौडी, टिहरी और नैनीताल इस वनाग्नि से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं…चीड़ और साल की सूखी पत्तियां बहुत जल्दी आग पकडती हैं और इसलिये इन जंगलों में आग बहुत तेजी से फैलती है…

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