उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के गड्ढा भरो अभियान का श्री गणेश किए हुए अब सवा साल हो गए हैं। सरकारी आंकड़ों में प्रदेश की हजारों सड़कों के गड्ढे भर दिए गए हैं।  योगी सरकार के एक साल पूरे होने पर सरकार गड्ढामुक्ति के नाम पर अपनी पीठ भी थपथपा चुकी है। ऐसे में सरकार के गड्ढामुक्ति के दावों में कितना दम है ये जानने के लिए हम ताजनगरी आगरा पहुंचे। । सबसे पहले हमने आगरा के स्टेशन रोड का जायजा लिया। यहां सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे है। इन गड्ढों से हिचकोले खाते हुए गाड़ियां गुजरती है। ये हाल उस ताज नगरी आगरा का है जो विश्वविख्यात ताजमहल के लिए पूरी दुनिया में जानी जाती है। यहां देश-विदेश से हजारों पर्यटक रोज आते हैं। इस शहर का नाम सामने आते ही एक ऐसे शहर की तस्वीर उभरती है जहां की सड़कें बेहद अच्छी होगी और साफ-सफाई होगी लेकिन जब पर्यटक चाहे आगरा कैंट रेलवे स्टेशन हो या फिर राजा मंडी स्टेशन, वहां से बाहर निकलते हैं तो गड्ढोंवाली सड़कें उनका स्वागत करती है।

चलिए अब आपको जज कंपाउंड की सड़कों का हाल दिखाते हैं। ये सड़क पूरी तरह से टूटी हुई है। इस सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क, ये फैसला करना मुश्किल है।  ये नजारा उस सड़क का है जहां पर आगरा के करीब सभी आला अधिकारी रहते हैं। ये वो इलाका है जहां पर सीडीओ, अपर नगर आयुक्त जैसे अधिकारी रहते हैं लेकिन सड़कों का हाल बता रही है कि इसकी किसी ने भी सुध नहीं ली।

जर्जर सड़कों का नजारा संजय प्लेस में भी दिखता है। संजय प्लेस आगरा का सबसे बड़ा कमर्शियल एरिया है। आगरा के इस सबसे बड़े व्यापारिक केंद्र में दिन भर गाड़ियों की आवाजाही लगी रहती है।  लेकिन सड़क ऐसी कि यकीन करना मुश्किल है कि यहां आगरा की सबसे ज्यादा आर्थिक गतिविधियां होती है।

स्टेशन रोड, जज कंपाउंड और संजय प्लेस की सड़कों का जायजा लेने के बाद हम आगरा की सबसे बड़ी कॉलोनी कहे जाने वाले कमला नगर क्षेत्र में पहुंचे।  इस रास्ते को सड़क कहना भी सड़क की तौहीन लगता है। पूरी सड़क उखड़ चुकी है।  इलाके की एकमात्र चौकी को जाने वाली सड़क मिट्टी से बनी हुई है और जगह-जगह गड्ढे में बारिश का पानी भरा हुआ है। इन्ही गड्डों में होकर गाड़ियां गुजरती हैं। जरा सी बारिश होने पर तो पूरी सड़क ही डूब जाती है।

वहीं जब हमने आगरा के नेहरू नगर का दौरा किया तो वहां पर भी सड़कों का हाल बेहाल था। हालाकि इस सड़क के गड्डों को जगह-जगह पैच लगाकर जरूर भर दिए गए थे लेकिन पहली बारिश के बाद ही पैच निकलकर फिर से गड्ढों में तब्दील हो गए।  इस व्यस्त रास्ते पर हर वक्त गाड़ियों का तांता लगा रहता है।  इस सड़क पर आप जैसे-जैसे आगे बढ़ते जाएंगे स्थिति और भी खराब होती जाती है। कई जगहों पर तो पूरी सड़क का तारकोल की गायब हो गया है और गिट्टियां निकल गई है। इस वजह से यहां पर आए दिन दोपहिया वाहन फिसलती रहती है।  जर्जर सड़कों की वजह से ये हादसों की सड़क बन गई है।

आरोप है कि कई बार शिकायत करने पर भी PWD विभाग सड़क को ठीक करने की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।  वहीं दूसरी ओर जिन सड़कों पर काम शुरू भी हुआ था वहां पैसा नहीं मिलने से सड़कों को गड्ढा मुक्त करने में जुटे ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया।  ठेकेदारों का कहना है कि जबतक उन्हें पैसा नहीं मिलता, वो काम शुरू नहीं करेंगे। आरोप है कि सरकार सड़क को गड्ढा मुक्त करना चाहती है, लेकिन बजट नहीं देना चाहती। ठेकेदारों को ब्याज पर पैसा लेकर काम करना पड़ता है ऐसे में सवाल तो यही है कि काम करने के बाद भी पैसा नहीं मिलेगा तो कौन काम करेगा?

ताज नगरी आगरा की सड़कें खराब है जिसका असर  देश विदेश से आने वाले पर्यटकों पर भी पड़ता है और इस शहर की गलत छवि लेकर वे अपने घरों को लौटते हैं।  स्मार्ट सिटी में शामिल आगरा की सड़कें सरकार की दावों की पोल खोलने के लिए काफी है।  आगरा की सड़कों का जायजा लेने के बाद हम आगरा की ADM निधि श्रीवास्तव से मिले। उनका कहना था कि सड़कों को गड्ढामुक्त करने का अभियान लगातार चलाया जा रहा है और जहां पर ये काम अधूरा रह गया है वहां पर जल्द ही  पूरा कर लिया जाएगा लेकिन सच तो ये है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के आदेश को उनके ही अधिकारियों ने हवा में उड़ा दिया है।

काश सूबे को गड्ढ़ामुक्त घोषित किए जाने से पहले सीएम योगी आगरा की इन सड़कों को देख लेते तो शायद वो भी सूबे की सभी सड़कों को गड्ढामुक्त किए जाने का दावा नहीं करते।  ऐसे में हम उम्मीद करते है कि हमारी इस मुहिम पर सरकार की नजर पड़ेगी और सरकार को जमीनी हकीकत का अंदाजा लगेगा

—मानवेन्द्र मल्होत्रा, एपीएन आगरा

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