रांची के माटीगोडा पंचायत के जबोला गांव के बांधटोला में ना पक्की सड़क है। और पानी है भी।  तो बारिश का पानी मिलकर वो गंदा हो गया है। .लोग मजबूरी में इनके सहारे ही जीवन का गुजर-बसर कर रहे हैं। .इस गांव में लगभग 25 घर हैं। जहां 150 से 200 लोग रहते है। और ये सभी 25 घर अपनी प्यास एक ही कुएं के जरीए बुझाते हैं।

गांव में सिर्फ एक ही पीने के पानी स्रोत हैं। लेकिन बारिश के मौसम में अब आलम ये है कि बारिश का सारा गंदा पानी कुएं में मिल गया और पानी दूषित हो गया है। लेकिन लोग उसी पानी को पीने के लिए मजबूर हैं। गांववाले परेशान, मजबूर हैं। और पानी की किल्लत को लेकर गांववालों में गुस्सा भी है।

परेशान ग्रामीणों ने काफी बार इसकी शिकायत की है। .लेकिन हर बार ढाक के तीन पात। .प्रशासन सुध तो लेता है। लेकिन उसके बदले में गांववालों को सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है। जहां एक तरफ झारखंड सरकार हर व्यक्ति तक सरकारी लाभ पहुंचाने के दावे करती आ रही है। वहीं दूसरी तरफ सरकार की त्रस्त जनता पानी और सड़क का इंतजार कर रही है।

गांव का ये हाल देख सांसद आदर्श ग्राम योजना की याद आ जाती है जो अब सिर्फ पीएम मोदी के भाषणों तक ही सीमित रह गई है। सांसद आदर्श ग्राम योजना का वर्तमान हाल वक्त गया बात गई जैसा हो गया। शायद ही किसी सांसद ने अपने गोद लिए गांवों का हाल सुधारने की कोशिश की हो।

—एपीएन ब्यूरो

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