हाल में हमारे टीवी चैनलों और अखबारों में एक खबर सबसे ज्यादा छाई रही। वह थी, हमारी फौज द्वारा दुबारा की गई ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की! यह ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ इसीलिए की गई कि 1 मई को हमारे दो जवानों के सिर काट दिए गए थे और उनके शवों को क्षत-विक्षत कर दिया गया था। नियंत्रण रेखा पर हुई इस घटना का बदला लेने के लिए भारतीय फौज ने 9 मई को पाकिस्तान की कुछ चौकियां उड़ा दी और अब 14 दिन बाद हमारी फौज के प्रवक्ता दुनिया को बता रहे हैं कि हमारी फौज ने कैसा कमाल कर दिखाया।

समझ में नहीं आता कि नियंत्रण-रेखा पर क्या चल रहा है? 1 मई को हमारे फौजियों के साथ वहशियाना बर्ताव हुआ और हमारी सरकार आठ दिन तक सोती रही। उसने 9 मई को बदला लिया। उसी दिन या दूसरे दिन ही क्यों नहीं? उस समय सारा देश भन्नाया हुआ था लेकिन सरकार का थर्मामीटर फ्रीजर में रखा हुआ था। दूसरा सवाल यह कि 9 मई को सर्जिकल स्ट्राइक का प्रोपेगंडा अब 23-24 मई को किसलिए किया जा रहा है? अगर यह सर्जिकल स्ट्राइक होती तो सरकार 14-15 दिन तक सोती नहीं रहती। भारत को गाल बजाने की भी जरुरत नहीं होती। वह खुद बोलती। चिल्ला-चिल्लाकर बोलती।

भारत बोलता, उसके पहले ही पाकिस्तान चिल्ला-चिल्लाकर सारी दुनिया को जगा देता। लेकिन अभी क्या हुआ है? आपने सर्जिकल स्ट्राइक का दावा किया और पाकिस्तान ने उसे रद्द कर दिया। आपने 24 सेकेंड का वीडियो दिखाया तो उन्होंने आपसे चार गुना बड़ा वीडियो दिखा दिया। सितंबर में हुए ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का तो इससे भी बड़ा मजाक बन गया था। यदि भारत ने इस्राइल (1967) की तरह कोई ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ किया होता तो उसके बाद क्या पाकिस्तान की इतनी हिम्मत पड़ती कि वह दर्जनों बार नियंत्रण-रेखा का उल्लंघन करता और हमारे जवानों के शवों की बेइज्जती करता?

इस समय सीमा पार में 55 आतंकी शिविर सक्रिय हैं, उमनें से 20 तो अभी-अभी बने हैं। जनवरी से अब तक घुसपैठ की कम से कम 65 घटनाएं हो चुकी हैं। हमारे तदर्थ रक्षा मंत्री दावा करते हैं कि हमारी सैनिक कार्रवाइयां इसीलिए बढ़ा दी गई है कि कश्मीर मंघ शांति रहे। वाह क्या बात है ? कश्मीर-समस्या पर उनकी समझ को सलाम है। क्या कश्मीर के हजारों पत्थरफेंकू लड़के, सारे बमबाज आतंकवादी और लाखों हड़ताल करने वाले लोग नियंत्रण-रेखा पार करके भारत में घुस आए हैं? पाकिस्तान को पाकिस्तान बने रहने के लिए सीमा पर अलाव जलाए रखना जरुरी है। अब हमारी सरकार ने पाकिस्तान को ही गुरु धारण कर लिया है। वह भी सीमांत पर लगातार फुलझड़ियां छोड़ती रहती है। इससे यह पता चलता है कि मोदी सरकार सिर्फ बंडल नहीं मार रही है। वह पक्की राष्ट्रवादी है। वह नहले पर दहला मारती है। गुरु गुड़ रह गया है और चेला शक्कर बन गया है। पाकिस्तान तो एक फर्जी राष्ट्र है। उसके खिलाफ ‘फर्जीकल स्ट्राइक’ ही काफी है।

डा. वेद प्रताप वैदिक

Courtesyhttp://www.enctimes.com

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