भारत में कोरोना कहर बन कर बरपा है। आए दिन लाखों में मामले दर्ज किए जा रहे हैं। 24 घंटे के भीतर 1.42 लाख नए केस रिकॉर्ड किए गए हैं। वहीं 700 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। असमंज की बात तो ये है कि, चुनाव वाले राज्य में कोरोना गुम हो गया है। यहां पर भारी संख्या में भीड़ जमा हो रही है लेकिन कोरोना का कोई अता पता नहीं है। चुनाव आयोग ने भी कोरोना को लेकर कोई खास गाइडलाइन्स नहीं जारी की थी। पर लगता है कि, अब राज्यों में कोरोना फैलने लगा है। दरअसल चार राज्यों में चुनाव खत्म होने के बाद चुनाव आयोग ने कोरोना को लेकर नया नियम कानून लागू किया है। अब सवाल उठ रहा है कि, चार राज्यों में मतदान खत्म होने के बाद चुनाव आयोग को होश आया है कि, देश में कोरोना की दूसर लहर चल रही है।

चुनाव आयोग ने बंगाल में चार चरणों में मतदान खत्म होने के बाद शुक्रवार को सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्ष व महासचिवों को पत्र लिखकर पिछले साल अगस्त में अपनी तरफ से जारी की गई कोरोना गाइडलाइंस की याद दिलाई और इसके निर्देशों की अनदेखी करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी।

आयोग ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को जनसभाओं आदि के आयोजन के दौरान आने वाले लोगों के फेस मास्क पहनने, सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने, थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था करने आदि निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराना होगा। इन निर्देशों का पालन नहीं किए जाने की स्थिति में आयोग उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 तक दिए प्रावधानों और आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई करेगा। आयोग ने कहा कि ये गाइडलाइंस पिछले साल बिहार विधानसभा चुनावों और उसके बाद कराए गए विभिन्न उपचुनावों में भी लागू की गई थीं।

आयोग ने कहा कि 26 फरवरी को चार राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों की घोषणा करते समय भी सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर इन गाइडलाइंस की जानकारी दी गई थी। लेकिन हालिया दिनों में चुनावी बैठकों, रैलियों आदि में इन गाइडलाइंस की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं। यहां तक कि स्टार प्रचारक भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। आयोग ने आगे कहा है कि वह इस लापरवाही को लेकर बेहद गंभीर है और यदि हालात नहीं सुधरे तो चुनाव के बाकी चरणों में ऐसे स्टार प्रचारकों, नेताओं और प्रत्याशियों की सभी तरह की रैलियों, जनसभाओं और बैठकों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

बता दें कि, देश में नेता- राजनेता सोशल मीडिया पर ही मास्क का प्रचार कर रहे हैं। चुनावी रैलियों में उनका मास्क गुम हो जाता है। चुनावी रैलियों में नेताओं को बिना मास्क प्रचार करते देख हाईकोर्ट ने आयोग को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट के नोटिस के बाद चुनाव आयोग को याद आया कि, देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है।

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