दुबई से क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद अब भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने की कोशिश तेज हो गई है। रविवार को सीबीआई के संयुक्त निदेशक एस साईं मनोहर के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में एक अहम सुनवाई में शामिल होने के लिए रविवार को लंदन रवाना हुई।

सूत्रों ने मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय जांच एजेंसियां माल्या को प्रत्यर्पित करा स्वदेश वापस लाने की कोशिश कर रही है। सोमवार को मामले की सुनवाई लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत करेगी। मनोहर विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की जगह लेंगे, जो अब तक सुनवाई में शामिल हो रहे थे।

सरकार ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से विवाद होने के बाद अस्थाना को सभी अधिकारों से वंचित कर दिया तथा उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया था। सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दो अधिकारी भी सीबीआई अधिकारी के साथ हैं। मनोहर इससे पहले अस्थाना के नेतृत्व वाली एसआईटी का हिस्सा थे।

माल्या बैंकों के 9,000 करोड़ रूपये के कर्ज की अदायगी नहीं करने के मामले का सामना कर रहा है। वह अपने खिलाफ सीबीआई के लुकआउट नोटिस को कमजोर किए जाने का फायदा उठाते हुए मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गया था। माल्या अपने खिलाफ सीबीआई के लुकआउट नोटिस को कमजोर किए जाने का फायदा उठाते हुए मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गया था।

गौरतलब है कि हाल ही में माल्या ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा था, ‘मैंने एक रूपया भी उधार नहीं लिया। कर्ज किंगफिशर एयरलाइन ने लिया था। कारोबार के वास्तव में और दुखद रूप से नाकाम होने पर यह धन डूबा। गारंटर होना धोखाधड़ी नहीं है।’

भारत लंबे वक्त से माल्या के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है। इससे पहले भी सीबीआई समेत दूसरे अधिकार लंदन जा चुके हैं। यहां तक कि लंदन में माल्या की गिरफ्तारी भी हो चुकी है, लेकिन उसे जमानत मिल गई थी।अब देखना होगा कि क्रिश्चियन मिशेल की तरह ही विजय माल्या को भारत लाने में जांच एजेंसियां कब तक सफल हो पाती हैं।

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