लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए आज दिल्ली में शीर्ष विपक्षी नेताओं की बैठक होने जा रही है। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बैठक मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा और संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले हो रही है।

इस बैठक को तेलुगू देशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने बुलाया है। उन्होंने सभी गैर-बीजेपी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है। इस बैठक में 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए एक आम रणनीति बनाई जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वरिष्ठ नेता संजय सिंह इसमें शामिल हो सकते हैं।

ऐसा पहली बार होगा जब आप विपक्षी पार्टियों के साथ औपचारिक बैठक में हिस्सा लेगी। हालांकि उसके नेता सरकार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेते रहे हैं। आप के नेता 10 सितंबर को तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस द्वारा बुलाए गए भारत बंद में शामिल हुए थे। 30 नवंबर को किसान आंदोलन के दौरान पहली बार केजरीवाल और कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंच साझा किया था।

नायडू के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकपा) के मुखिया शरद पवार ने कांग्रेस और उसकी प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक पार्टियों के बीच जारी गतिरोध को सुलझाने की कोशिश की थी ताकि महागठबंधन बनाया जा सके और भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में हराया जा सके। राज्य आधारित गठबंधन के मद्देनजर पवार ने उन परेशानियों के बारे में बात की थी जिनका सामना महागठबंधन को करना पड़ सकता है।

कांग्रेस का क्षेत्रीय पार्टियों ओडिशा की बीजू जनता दल, तेलंगाना की तेलंगाना राष्ट्रीय समिति और दिल्ली की आम आदमी पार्टी के साथ काफी मतभेद रहे हैं। सभी विपक्षी नेता जिसमें पवार, नायडू और गांधी शामिल हैं उन्होंने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय करने से इंकार कर दिया था। हालांकि विपक्षी नेताओं की होने वाली बैठक में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती या उनकी पार्टी का कोई और नेता शामिल होगा या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

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