अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सियासी घमासान जारी है। इसी बीच योग गुरु बाबा रामदेव ने केंद्र सरकार से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में अध्यादेश लाकर विशेष कानून बनाने की मांग की है।

रामदेव ने कहा कि संसद अध्यादेश लाने में समर्थ है। संसद न्याय का सबसे बड़ा मंदिर है। उनका कहना यह भी है कि राम मंदिर पर रार बहुत हो रही है। अब इसके पटाक्षेप की जरूरत है। बोले, मोदी से बड़ा रामभक्त-राष्ट्रभक्त कौन है, इसलिए मंदिर निर्माण का काम संसद से होना चाहिए।

वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पाणिनी भवन सभागार में बृहस्पतिवार को आयोजित अभिनंदन समारोह के बाद पत्रकारों से बाबा रामदेव ने कहा, विश्व हिंदू परिषद समेत जो भी संगठन मंदिर निर्माण के लिए 25 नवंबर को आंदोलन कर रहे हैं, वह ठीक है। इस मुद्दे पर सभी को एकजुट होकर दबाव बनाने की जरूरत है। मामले में सुप्रीम कोर्ट में देरी हो चुकी है। लोगों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है और व्यवस्था के प्रति अविश्वास पैदा हो रहा है।

इकबाल अंसारी के असुरक्षा के बयान पर रामदेव ने उन्होंने कहा, हिंदुस्तान में हिंदू-मुसलमान को कोई डर नहीं है। हां, अगर राममंदिर नहीं बना तो देश में सांप्रदायिक माहौल गरमाएगा। अब कानून बनने में विलंब नहीं होना चाहिए। इस संघर्ष को 25 साल से ज्यादा बीत गए। संसद ही अब अंतिम विकल्प है। सुप्रीम कोर्ट की अपनी हदें है सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ये कह चुके हैं। संसद स्वतंत्र है। संविधान ने उसे अधिकार दिया है। संसद से ऊपर कुछ नहीं है।”

इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर करोड़ों हिंदुओं की भावना से जुड़ा मुद्दा है। हिन्दू समाज अयोध्या में भव्य राम मंदिर की अपेक्षा रखता है। मंदिर निर्माण पर संघ कोई दबाव नहीं डाल रहा है, लेकिन केन्द्र सरकार को आपसी सहमति से इसका हल निकालना चाहिए।

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