डॉलर के मुकाबले लगातार गिरते रुपये और शेयर बाजार के लुढ़कते रहने की खबरों के बीच मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो और रिवर्स रेपो रेट अपनी पुरानी स्थिति में बरकरार हैं। वित्तीय साल 2018-19 की चौथी मौद्रिक समीक्षा में RBI ने ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट को 6.50 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी के इस फैसले के बाद से रुपया अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 74 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक आ गया है। एक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 74.025 रुपये के स्तर तक पहुंच गई है। पहले इस बात की उम्मीद जताई जा रही थी कि रुपये में कमजोरी को रोकने के लिए आरबीआई ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट की बढ़ोतरी कर सकता है।

पिछले दिनों रुपये में गिरावट को रोकने के लिए रिजर्व बैंक की कोशिशें कुछ खास सफल नहीं हुई हैं। इस वजह से ना सिर्फ आयात महंगा हुआ है बल्कि चालू खाता घाटा और बढ़ने का डर भी बन गया है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्तीय साल में आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। 2019-20 में इसके 7.6 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद है।

गिरावट सिर्फ रुपये में नहीं है, शेयर बाजार भी लगातार तीसरे दिन धड़ाम हो गया। शेयर बाजार में हुई चौतरफा बिकवाली के चलते प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 792.17 अंकों की गिरावट के साथ 34 हजार 376.99 पर और निफ्टी 282.80 अंकों की गिरावट के साथ 10 हजार 316.45 पर बंद हुआ।

एपीएन ब्यूरो

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