राज्य चुनाव, फिर उपचुनाव, फिर राज्यसभा चुनाव और अब अगला लक्ष्य लोकसभा चुनाव। देश की राजनीति में चुनावी गणित इसी तरह जारी है और आगे भी जारी रहेगी। इसी के मद्देनजर योगी बिग्रेड मिशन 2019 के लिए जुट गई है। सीएम योगी जल्द ही कैबिनेट विस्तार व फेरबदल कर अपनी टीम में कई और पिछड़े नेताओं को शामिल कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस समय राज्य में 47 मंत्री हैं। ऐसे में मंत्री परिषद को बढ़ाकर 60 किया जा सकता है। तब 13 मंत्रियों की जरूरत और होगी। ऐसे में य़ोगी सरकार उन 13 पदों की रिक्तियां पिछड़ी जातियों के तर्ज पर करने की सोच रही है।

बताया जा रहा है कि सीएम योगी की कोशिश है कि जनता में बने ‘अगड़ी जातियों के प्रभुत्ववाली’ सरकार के पर्सेप्शन को बदला जाए। इससे पिछड़ी जातियों के लोगों का सरकार पर भरोसा बढ़ेगा और उनके विकास में ये मंत्री अपनी जवाबदेही भी अच्छे ढंग से तय कर सकेंगे। बता दें कि यह फेरबदल ऐसे समय में होने जा रहा है जब गोरखपुर और फूलपुर के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को एसपी-बीएसपी गठबंधन के हाथों शर्मनाक हार मिली है। सुनने में आया है कि वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के आलाकमान को सूचित किया है कि बीजेपी ने यूपी में पिछड़ी जातियों के कारण बड़ी जीत दर्ज की थी लेकिन कैबिनेट में पिछड़ी जातिओं के नेताओं को कोई खास जगह नहीं मिल पाई है।

बता दें कि अभी मंत्रिपरिषद में कोई भी दलित जाटव चेहरा नहीं है।  ऐसे में पार्टी किसी एक नेता को शामिल कर सकती है।’ इतना ही नहीं, पार्टी 10 MLC सीटों के लिए भी पिछड़े नेताओं को चुन सकती है।   बीजेपी के सहयोगी अपना दल से एक पिछड़े नेता को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। बताया जा रहा है कि कैबिनेट में एक यादव चेहरे को भी शामिल किया जा सकता है। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा में फैजाबाद से विधायक राम चंद्र यादव का नाम है। इसके अलावा सीएम योगी और अमित शाह मंत्रियों के कामकाज पर भी नजर रखेंगे।

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