UP Election 2022: संजय सिंह का BJP पर आरोप- राम मंदिर का चंदा चोरी कर रहे हैं

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UP Election 2022 की रंगत अब खुलकर दिखाई दे रही है। 403 विधानसभा सीटों के लिए राजनैतिक दल अपना सब कुछ झोंक देने के लिए तत्पर दिखाई दे रहे हैं। कभी कोई शगूफा छूटता है तो कभी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलने लगता है। कुल मिलाकर यूपी चुनाव एक गंभीर मुद्दा होते हुए भी मनोरंजन का माध्यम भी बनता जा रहा है।

यूपी में अपनी जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी पूरी ताकत से विपक्षी दलों के खेमेबंदी में शामिल होने के लिए लगातार सत्ताधारी दल भाजपा पर आक्रामक हमले कर रही है। AAP यूपी में भाजपा को निशाने पर लेकर अपना खेल पक्का कर रही है।

कभी कानून-व्यस्था के मुद्दे पर तो कभी यूपी के विकास को मुद्दा बनाकर AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भाजपा को हर मुद्दे पर फेल बताने में लगे हुए हैं।

केशव प्रसाद मौर्य के मात्र एक ट्वीट से बढ़ा बवाल

चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी गलियारों में एक बार फिर अयोध्या, मथुरा और काशी की चर्चा छिड़ गई है। दरअसल यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बीते 1 दिसंबर को एक ट्वीट करके कहा, ‘अयोध्या, काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है… मथुरा की तैयारी है’। इस ट्वीट के बाद यूपी की सियासत में भूचाल आ गया और चर्चा होने लगी कि चुनाव से ठीक पहले बीजेपी मथुरा का जिक्र छेड़कर चुनाव को सांप्रदायिकता का चोला पहनाना चाहती है।

वहीं दूसरी ओर इस मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए AAP सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘साढ़े 4 साल तक इन्हें मथुरा, काशी की याद नहीं आई। क्या आप (भाजपा) भगवान को भी चुनाव की दृष्टि से देखते हैं। लोगों ने अपना पेट काटकर राम मंदिर के लिए चंदा दिया है और आप उस चंदे की चोरी कर रहे हैं। इन्हें ना अयोध्या, ना काशी और ना ही मथुरा पर बोलने का हक है’।

दरअसल बीते कुछ दिनों से पहले कुछ हिंदूवादी संगठन 6 दिसंबर यानी बाबरी मस्जिद ध्वंस के दिन मथुरा की विवादित मस्जिद में पूजापाठ को लेकर इजाजत मांगी थी, तभी से मथुरा में तनाव व्याप्त है।

वहीं इस मामले में ट्वीट करके विवाद को हवा देने का आरोप झेल रहे यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा, ‘बीजेपी के लिए चुनाव के एजेंडे में कोई मंदिर का विषय मुद्दा नहीं रहा है, मंदिर आस्था का मुद्दा है चुनाव का नहीं। जो लोग राम मंदिर बनने का विरोध करते थे अब वही लोग राम मंदिर में माथा टेक रहे हैं। आगामी दिनों में यही दृश्य काशी व मथुरा में दिखेगा’।

अयोध्या और काशी के बाद अब सबकी नजरें मथुरा पर ठहर गई है

अयोध्य में राम मंदिर के निर्माण और काशी में विश्वानाथ मंदिर परिसर में हुए बदलाव के बाद अब सबकी नजरें मथुरा पर ठहर गई हैं क्योंकि 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन के समय बीजेपी और वीएचपी के एजेंडे में अयोध्या के साथ काशी और मथुरा को भी जोड़कर देखा जाता था।

केशव प्रसाद मौर्य ने एक अन्य बयान में मंदिर निर्माण को बीजेपी से अलग करते हुए कहा, ‘अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है, काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का कार्य भी प्रगति पर है और अब हम सभी लोग प्रतिक्षा कर रहे हैं कि कृष्ण की जन्मभूमि पर कब भव्य मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। लेकिन बीजेपी के लिए यह कोई चुनाव का मुद्दा नहीं है’।

चूंकि भाजपा इस समय केंद्र और यूपी की सत्ता में पूर्ण बहुमत से काबिज है। इसलिए विपक्षी दलों को अक्सर ये लगता है कि भाजपा अपने कोर हिंदू वोट के लिए अयोध्या, काशी के बाद मथुरा के विषय में भी आक्रामक हो सकती है।

लेकिन वर्तमान समय में यह दूर तक संभव दिखाई नहीं पड़ता कि भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह का कोई प्रयास करेगी, क्योंकि जब केशव प्रसाद मौर्य के एक ट्वीट मात्र से इतना बवेला खड़ा हो गया तो मथुरा के विषय में कुछ भी सोचने से भाजपा को चुनावी घाटा होगा और फिलहाल भाजपा के लिए यूपी की सत्ता सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

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