लोग अपनी परेशानियां लेकर अस्पताल जाते हैं ताकि उनकी तकलीफें दूर हो सके लेकिन जब अस्पताल परेशानी दूर करने की बजाय आपको और मजबूर कर दें तो क्या होगा?

हैदराबाद सरकार द्वारा संचालित गांधी अस्पताल में इंसानियत को शर्मसार करने वाला वीडियों सामने आया है, जहां इलाज कराने आए मरीज को अस्पताल ने व्हीलचेयर नसीब नहीं होने दी। मामला शुक्रवार का है, पिछले साल अगस्त में करंट लगने से जल जाने पर एस राजू (40) अपनी पत्नी के साथ अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर के वार्ड तक जाने के लिए उन्होनें वार्ड ब्वॉय से व्हीलचेयर मांगी, जिसके बाद वार्ड ब्वाय ने 100 -200 रूपये की घूस मांगी। मरीज की पत्नी संतोषी ने बताया कि उसके पास वार्ड ब्वाय को देने के लिए पैसे नहीं थे। जिसकी वजह से उन्हें व्हीलचेयर नहीं दी गई। जिसके बाद मरीज को अपने बेटे की छोटी सी ट्रायसाइकिल चलाकर डॉक्टर के वार्ड तक जाना पड़ा।

संतोषी ने बताया कि वह पहले भी कई बार घूस दे चुकी है लेकिन इस बार उसके पास पैसे नहीं थे। अस्पताल की अधीक्षक डॉक्टर मंजूला ने बताया कि हमारे पास कोई लिखित शिकायत नहीं आई है इसलिए हमने मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जांच समिति गठित की है और जल्द ही इस पर रिपोर्ट भी सामने आ जाएगी।

ऐसा मामला पहली बार सामने नहीं आया है। कई अस्पतालों में आज भी बिना घूस दिए काम नहीं कराया जा सकता। इस मामले में राज्य में बीजेपी के नेता कृष्णा सागर राव ने कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री जनता के पैसे को देवी-देवताओं पर लुटा रहा है और जनता परेशान हो रही है, उन्होनें कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था नहीं है और अब अस्पतालों को भ्रष्ट्राचार का अड्डा बनाया जा रहा है। वहीं कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने अपने घर पर करोड़ों रुपए खर्च करके बुलैटफ्रूफ बाथरूम बनवाया है। लेकिन उनके पास एक व्हीलचेयर के लिए पैसे नहीं हैं। यह शर्मनाक है।’

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