गुजरात की एटीएस टीम ने देश को एक बड़े आतंकी हादसे से बचा लिया। जब देश के अंदर गुजरात स्थित राजकोट और भावनगर में एक बड़े हमले को अंजाम देने की साजिश रची जा रही थी तभी गुजरात की एटीएस टीम ने दो संदिग्ध आतंकवादीयों को धर दबोचा। 

एटीएस के वरिष्ठ अधिकारी के. के. पटेल ने कहा कि लगभग डेढ़ साल से हम इन पर नजर बनाए हुए थे। पकड़े गए दोनों आतंकी ट्विटर, फेसबुक और टेलीग्राम एप के जरिए आतंकवादी संगठन स्टेट (आईएसआईएस) के आलाकमान से सीधा संपर्क कर रहे थे।  छापेमारी के दौरान पकड़े गए दोनों आतंकियों में से एक ने अपना नाम वसीम और दूसरे ने नईम रामोदिया बताया है। यह दोनों सगे भाई हैं। जांच पड़ताल के बाद अहम दस्तावेजों में एक लैपटॉप और मोबाइल बरामद किया गया हैं, जिनमें से एक में बम बनाने की टेक्नोलॉजी तो दूसरे में बम बनाने का वीडियों मिला है। इसके अलावा कमरे से बम बनाने के लिए सुतली बम,गन पाउडर और बैटरी जैसी कई चीज़े पाई गई हैं।

पूछताछ के दौरान दोनों ने कबूलनामा किया है कि भारत के अंदर वह एक बड़ी घटनाक्रम को अंजाम देने के फिराक में जुटे थे। उनकी योजना गुजरात स्थित चोटिला चामुंडा मंदिर के साथ शहर के विभिन्न जगहों पर धमाके करने की थी। जिसे अंजाम देने के लिए लगभग पूरी तैयारी कर ली गई थी। हाल ही में केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने केन्द्रीय खुफिया ऐजेंसियों और स्टेट ऐजेंसियों को भारत के अंदर दाखिल हुए 67 संदिग्धों की ख़बर से अवगत कराया था। जिसके बाद से जांच ऐजेंसियों ने लगातार विभिन्न शहरों के अंदर अपनी नजरें  जमाई रखी थी।

गौरतलब है कि इसके पहले केरला से भी एक निवासी को संदिग्ध आतंकी के तौर पर गिरफ्तार किया गया था। वहीं दूसरी ओर 14 फरवरी को एनआईए ने दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से मोईनुद्दीन पराकाडवथ नाम के एक शक्स को भी संदिग्ध आतंकी के तौर पर  गिरफ्तार किया था।

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