दीदी के राज्य पश्चिम बंगाल में नारद स्टिंग ऑपरेशन और चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस बीच दो जजों ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया है।

जस्टिस इंदिरा बनर्जी पश्चिम बंगाल हिंसा पर सुनवाई कर रही थी उन्होंने इस सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। इंदिरा ने कहा कि आगे वह इस मुद्दे पर बहस नहीं करना चाहती हैं। वहीं नारद स्टिंग ऑपरेशन केस पर अनिरुद्ध बोस सुनवाई कर रहे थे उन्होंने भी इस केस से हाथ पीछे खींच लिया है। बता दें कि दोनों का ताल्लुक पश्चिम बंगाल से हैं और दोनों पहली बार कलकत्ता हाई कोर्ट में बतौर जज नियुक्त हुए थे।

पश्चिम बंगाल का विवादित नारद स्टिंग ऑपरेश पर सुनवाई करने वाले जज अनिरुद्ध बोस ने मंगलवार को इस केस को अलविदा कह दिया। आगे इंदिरा बनर्जी हैं उन्होंने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।

वहीं सुप्रीम कोर्ट की जज इंदिरा बनर्जी ने बंगाल चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले की सुनवाई से 18 जून को खुद को अलग करते हुए कहा कि मैं मामले की सुनवाई नहीं करना चाहती हूं। जस्टिस बनर्जी कोलकाता से हैं। बंगाल हिंसा मामले में पीड़ित परिवार सीबीआई जांच की मांग को लेकर अदालत गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से इस मामले में जवाब मांगा था। जिस पर राज्य सरकार की ओर से यह कहा गया कि मामला राजनीति से प्रेरित है।

नारद स्टिंग कांड में सीबीआई ने चुनाव के बाद चार टीएमसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने समर्थकों के साथ सीबीआई दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन कर रही थी वहीं टीएमसी कार्यकर्ताओं ने सीबीआई दफ्तर में जमकर तोड़ फोड़ मचाई थी।

इस मुद्दे पर ममता बनर्जी ने हाई कोर्ट से अपना पक्ष रखने के लिए कहा था लेकिन हाई कोर्ट ने ममता की याचिका को खारिज कर दिया था। ममता फिर सुप्रीम कोर्ट की दर पर पहुंची थी।

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