बारिश से जहां लोगों ने गर्मी से राहत की सांस ली वहीं लगातार हो रही भारी बारिश ने आम जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। बारिश की वजह से यातायात से लेकर लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी काफी प्रभावित हो रही है। वहीं दिल्ली के लिए हरियाणा के बैराज से छोड़ा गया पानी भी मुसीबत बन रहा है। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी के कारण दिल्ली में यमुना  का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। मंगलवार सुबह यमुना का जलस्तर 206 मीटर तक पहुंच गया। इससे हालात खराब होने का खतरा बना हुआ है।

वहीं इससे पहले सोमवार को यमुना का जलस्तर 205.76 मीटर तक पहुंच गया था। इस वजह से पुराना यमुना ब्रिज से वाहनों का आवागमन भी बंद है। हथिनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी के कारण मंगलवार को भारी मात्रा में यमुना में पानी पहुंचने वाला है। इस वजह से जलस्तर 206.50 मीटर तक पहुंचने की आशंका है, इसलिए यमुना अभी और उफान पर रहेगी।

मौजूदा हालात को देखते हुए कहा जा रहा है कि रेलवे ने एक बार परिचालन बंद करने के बाद पुराने पुल से परिचालन भले ही दोबारा शुरू कर दिया है पर यदि यमुना का जलस्तर और बढ़ा तो परिचालन जारी रखना आसान नहीं होगा। इसलिए दिल्ली सरकार के सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के कंट्रोल रूप से रेलवे को पल- पल की जानकारी दी जा रही है। हालांकि हथनी कुंड बैराज से पिछले दो दिन के मुकाबले अब थोड़ा कम पानी छोड़ा जा रहा है।

जलस्तर बढ़ने से यमुना के निचले इलाकों में पानी भर गया है और अवैध रूप से बसी झुग्गियों में पानी भर गया है। अब तक करीब 10 हजार परिवारों को हटाया गया है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार यमुना में सबसे अधिक उफान वर्ष 1978 में आया था। तब यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंच गया था। इसके बाद वर्ष 2010 में 207.11 मीटर व वर्ष 2013 में जलस्तर 207.32 मीटर तक पहुंचा था।

यमुना का जलस्तर बढ़ने से नदी के किनारे रहने वाले घर छोड़ने को मजबूर हैं। इस स्थिति के लिए केंद्रीय मंत्री और चांदनी चौक के सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि समय रहते प्रभावित लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई।

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