पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हो रही वोटिंग के दौरान सोमवार को राज्य के अलग-अलग कोनो से बड़ी संख्या में हिंसा की घटनाएं सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत की खबरें आ रही हैं। राज्य से आ रही हिंसा की घटनाओं से पंचायत चुनाव से पहले राज्य में सुरक्षा के इंतजामों की पोल खुल गई है। पुलिस पूरी तरह असहाय नजर आ रही है।

इस हिंसा में 4 लोगों के मौत की खबरें है। इसमें  शांतिपुर में हुई हिंसा में 1 व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं 24 परगना कुलटोली में एक टीएमसी कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नॉर्थ 24 परगना के अमडंगा में सीपीएम कार्यकर्ता की मौत हुई तो मुर्शिदाबाद में एक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। बढ़ती हिंसा को देखते हुए बीजेपी ने बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।

पश्चिम बंगाल में आसनसोल से सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने इस चुनावी हिंसा पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, सुबह से जो हो रहा है, उसे देखकर हम कतई आश्चर्यचकित नहीं हैं। बंगाल सरकार एक बेशरम सरकार है। आप उनसे किसी भी तरह के नियमों के पालन की उम्मीद नहीं कर सकते। मैं मांग करता हूं कि राज्य में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।

वहीं दूसरी ओर बड़े पैमाने पर हुई चुनावी हिंसा को तृणमूल के नेता पार्थ चटर्जी ने छोटी मोटी घटना बताया है। उन्होंने कहा प्रशासन मुस्तैद है। कोई बड़ी घटना नहीं हुई। वोटिंग शांतिपूर्ण ढंग से हो रही है। हां जहां पर भी पत्रकारों पर हमला हुआ, उसकी मैं निंदा करता हूं।

बता दें कि इस चुनावी हिंसा की चपेट में चुनाव कवर कर रहे स्थानीय पत्रकार भी आ गए। करीब पांच पत्रकार हिंसा में घायल हुए। पत्रकारों के अनुसार, टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला बोला और उनके साथ बुरी तरह मारपिटाई की।

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