Hit and Run Law : क्या है ‘हिट एंड रन’ का नया कानून जिसके विरोध में वाहन चालक कर रहे हैं हड़ताल?

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Hit and Run Law : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की हामी मिलने के बाद भारतीय न्याय संहिता 2023 कानून बन चुका है। भारतीय न्याय संहिता में कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं और अपडेट किए गए हैं। जिसमें से एक प्रावधान को लेकर देशभर में वाहन चालकों का विरोध जारी है। विरोध का कारण ‘हिट एंड रन’ का नया कानून है, यानी एक्सीडेंट होने के बाद भागने पर मिलने वाली सजा के नियमों में बदलाव पर ट्रक और बस ड्राइवर विरोध कर रहे हैं। नए हिट एण्ड रन कानून के तहत अगर रोड एक्सीडेंट में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और ड्राइवर एक्सीडेंट एरिया से भाग जाता है तो उसे 10 वर्ष तक की सजा हो सकती है। और सजा के साथ-साथ ही मौके से भागने वाले ड्राइवर को जुर्माना भी देना पड़ेगा।  

देशभर में कई जगह ट्रक चालक और बस ड्राइवर हड़ताल कर चुके हैं और हिट एंड रन कानून को काला कानून बता रहे हैं। विरोध के दौरान कई जगहों से चक्काजाम, ड्राइवरों द्वारा पुलिस पर हमले की वीडियो और खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में सभी के मन में कई सवाल घूम रहे हैं जैसे कि क्या है नया हिट एंड रन कानून, पुराने कानून से किस तरह अलग है, और ट्रक ड्राइवर इसका विरोध क्यों कर रहे हैं।   

Hit and Run Law : क्या है हिट एंड रन का नया कानून?

नए हिट एंड रन कानून के तहत अगर कोई वाहन चालक रोड एक्सीडेंट हो जानें के बाद पुलिस को सूचित किए बिना मौके से फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की जेल और 7 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। जिसके विरोध में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, समेत कई राज्यों में बड़ी गाड़ियों (ट्रक और बस) के ड्राइवर हड़ताल और चक्काजाम कर रहे हैं। कई राज्यों में परिवहन निगमों के ड्राइवर भी इस कानून का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि नए नियम कमर्शियल वाहन चालकों के साथ-साथ निजी वाहन चालकों पर भी समान रूप से लागू होंगे।

क्यों किया गया कानून में बदलाव?

सरकारी डेटा के मुताबिक, हिट एंड रन के मामलों में हर साल करीब 50 हजार लोगों की जान चली जाती है। इन आंकड़ों को देखकर समझा जा सकता है कि पुराने नियमों में क्यूँ बदलाव किए गए हैं। बता दें कि पुराने हिट एंड रन कानून के तहत, एक्सीडेंट के बाद भाग जाने वाले वाहन चालकों को दो साल की सजा देने का प्रावधान था और उन्हें जमानत भी मिल जाती थी।  

ट्रक ड्राइवर इस कानून का विरोध करते हुए यह तर्क दे रहे हैं कि एक्सीडेंट होने के बाद अगर वह वहीं रुके रहते हैं तो मौके पर मौजूद भीड़ उन्हें जान से मार सकती है और अगर वे अगर वहां से भागते हैं तो उन्हें कानून में नए नियमों के तहत सख्त सजा का सामना करना पड़ेगा। ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि नए नियम कुछ ज्यादा ही सख्त हैं और इनमें सरकार को कुछ रियायत बरतनी चाहिए। ऐसा देखा गया है कि सड़क दुर्घटना होने पर मौके पर मौजूद भीड़ ड्राइवर पर हमला कर देती, जो कई बार मॉब लिंचिंग रूप ले लेती हैं।

कुछ मामलों में ड्राइवरों को मिलेगी राहत

सरकार ने ड्राइवरों को कुछ मामलों में राहत भी दी है। जैसे अगर एक्सीडेंट व्यक्ति के गलत तरह से सड़क क्रॉस करने की वजह से होता है तो ऐसी स्थिति में ड्राइवर को ज्यादा से ज्यादा पांच साल की सजा और जुर्माना देना होगा। लेकिन अगर एक्सीडेंट ड्राइवर के गलत तरीके से वाहन चलाने के कारण होता है तो ड्राइवर को 10 साल की सजा हो सकती है और साथ ही 7 लाख रुपये तक जुर्माना भी भरना पड़ेगा।

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