भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश में जहां सबसे अधिक देवी देवताओं की पूजा की जाती है। कहने के लिए यहां पर लड़कियों को लक्ष्मी बताया जाता है। उसी राज्य से आए दिन रेप और महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की खबरे आती रहती हैं। प्रदेश में आए दिन उन्नाव, हाथरस जैसी घटनाएं हो रही हैं। यहां पर एक बार फिर तीन दलित बहने खेत में बेहोशी की हालत में पाई गई हैं।

उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले के बबुराहा टोला गांव में बुधवार को तीनों बहनों  का गला एक ही दुप्पटे के साथ गला बंधा हुआ था। तीनों के मुंह से झाग निकल रहा था। अस्पताल जाते-जाते दो बहनों की मौत हो गई और तीसरी की हालत गंभीर बताई जा रही है। बच्चियां पासी जाति से थी। गांव में पंडितों और ठाकुरों की संख्या अधिक है।

घटना के बाद ग्रामिणों में आक्रोश का माहौल है इस बात को ध्यान में रखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात है। वहीं खबर ये भी है कि, कुछ विपक्षी दल घटना को जाति का रंग दे सकते हैं जिससे हिंसा होनी की संभावना है। इसलिए पहले से ही पुलिस बल तैनात है।

परिवार वालों ने बताया कि तीनों लड़कियां दोपहर करीब तीन बजे अपने ही खेत पर चारा लेने गई थीं। शाम तक नहीं लौटीं तो उनकी तलाश शुरू की गई। जिसके बाद तीनों ही खेत में बेहोशी की हालत में मिली। पासी समुदाय की इन लड़कियों की उम्र 13, 16 और 17 साल है। इनके भाई ने कहा कि हमारे परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी।

तीनों बहनें पहले स्कूल जाती थीं, लेकिन कुछ दिन पहले उनका स्कूल जाना छुड़वा दिया गया था। पीड़ित परिवार ने इस घटना के पीछे किसी साजिश का शक जताया है। वहीं हालात को देखते हुए रेप का आशंका जताई जा रही है। पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट होगा कि, इन बच्चियों के साथ क्या हुआ है।

घटना की खबर सामने आते ही इसे लेकर राजनीति भी गरमा गई है। विपक्षी दलों का कहना है कि, उत्तर प्रदेश में दलित सुरक्षित नहीं हैं। दलित महिलाओं के साथ आए दिन घटना की खबरे सामने आती रहती हैं।

सपा नेता सुनील सिंह यादव ने पुलिस पर इस मामले को दबाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि, पुलिस जिस तरह इस मामले को हैंडल कर रही है, उससे साफ है कि वह असलियत छिपाना चाहती है। उत्तर प्रदेश में दलित बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।

बता दें कि, मिली जानकारी के अनुसार तीनों के शरीर पर किसी घाव का कोई निशान नहीं था। साथ ही जोर-जबरदस्ती की कोई आशंका भी नहीं जताई जा रही है।

मामले की छानबीन करने में पुलिस अभी जुटी हुई है। विपक्षी दल अपने तरह से इस मामले को भुनाने में जुटा हुआ है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ का इस मामले पर अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है।

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