उत्तर प्रदेश में वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में हिंसक घटनाओं के बाद तनावपूर्ण शांति के बीच जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के तीसरे दिन भी जारी रहने से हजारों मरीज परेशान हैं। विश्वविद्यालय के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से सुरक्षा की मांग पर हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टरों को मनाने की कोशिशें की जा रहीं हैं लेकिन वे हाल में कई बार हुए हमलों का हवाला देते हुए अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेश राव आंनद कुलकर्णी ने बताया कि पुलिस ने बीएचयू हिंसा मामले में 300 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ अलग-अलग चार प्राथमिकी दर्ज की गईं हैं। सोमवार को इलाज के दौरान हुए विवाद के बाद जूनियर डॉक्टरों से मारपीट करने के एक आरोपी शिवाजी सिंह को गिरफ्तार कर उसे अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया गया है। सीसीटीवी एवं अन्य वीडियो फूटेज की मदद से अभियुक्तों की पहचान करने कार्यवाही की जा रही है।

उन्होंने बताया कि लंका थाने के निरीक्षक भारत भूषण तिवारी की तहरीर के आधार पर हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के आरोप में करीब 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन पर बीएचयू में बलवा, तोड़फोड़, मारपीट, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, ड्यूटी पर तैनात सरकारी उनके काम में बाधा पहंचाने समेत भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई तथा गंभीरता से उसकी जांच की जा रही है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सोमवार को इलाज कराने के दौरान बीएचयू के सर सुंदर लाल अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों से मारपीट के मामले में यहां के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की तरहरी के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर की गई है, जबकि मरीज के परिजनों की शिकायत पर कुछ जूनियर डॉक्टरों पर मारपीट करने के मामले में दो मामले दर्ज किये गये हैं।

                                       –ईएनसी टाईम्स, साभार

 

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