गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि सरकार के प्रयासों से पिछले चार वर्षों के दौरान आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य में व्यापक सुधार आया है। सिंह यहां एक विजय दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 90 से घटकर अब केवल 12 ही रह गई है जबकि उत्तर पूर्व में व्याप्त अराजकता में 80 प्रतिशत तक सुधार आया है। पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले युद्ध विराम उल्लंघनों का प्रभावी तरीके से प्रत्युत्तर देने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को पूरी स्वतंत्रता दी गई है।

राजनाथ गृह मंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिक हमारे युवाओं के बीच राष्ट्रीय गौरव की भावना उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान एवं भारत के प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा की बहादुरी का स्मरण करते हुए उन्होंने दुख जताया कि आज के युवाओं के आदर्श क्रिकेट खिलाड़ी और फिल्म सितारे हैं, लेकिन परमवीर चक्र विजेताओं का नाम पूछने पर उन्हें एक का भी नाम स्मरण नहीं है।

सिंह ने कहा कि चन्द्र शेखर आजाद और भगत सिंह जैसे शहीद सभी आवेशपूर्ण राष्ट्रवाद से प्रेरित थे। उन्होंने कहा कि आज समाज को पूर्व सैनिकों के साथ खड़ा होना होगा। नागरिकों के बीच व्यक्तिगत सम्मान और राष्ट्र की अखण्डता को संरक्षित करने के लिए एक कार्य योजना बनाए जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों ने 1971 में सिद्ध कर दिया कि उनमें इतिहास को फिर से लिखने तथा मानचित्रों को फिर से बनाने की क्षमता है। इस अवसर पर गृह मंत्री ने शहीदों के परिवारों को सम्मानित किया और वेटरेंस इंडिया एसोसिएशन की पहली त्रिमासिक पत्रिका का अनावरण किया। सिंह ने शहीदों के कल्याण के लिए संगठन की समग्र निधि को अपने एक महीने का वेतन देने की घोषणा की।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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