उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ‘जनता मिलन’ कार्यक्रम में एक महिला टीचर ने असभ्यता की सीमाएं लांघते हुए जमकर हंगामा किया। खुद को पीड़ित बताने वाली उत्तरा बहुगुणा पंत नामक महिला शिक्षक ने सीएम त्रिवेंद्र पर अपशब्दों की बौछार कर दी। महिला टीचर ने सीएम के लिए चोर सहित ऐसे-ऐसे घटिया शब्दों का इस्तेमाल किया जिसे लिखा नहीं जा सकता।

महिला कड़ी सुरक्षा के बीच भी सीएम को एकतरफा गालियां देती रही, वहीं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत इस दौरान लगातार महिला शिक्षिका को कार्रवाई के लिए चेताते रहे लेकिन महिला की जुबान गुस्से में बेकाबू ही रही। इससे सीएम के जनता मिलन कार्यक्रम में हंगामा हो गया। इसके बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का धैर्य जवाब दे दिया और आवेश में आए सीएम ने उत्तरकाशी के नौगांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात बदमिजाज शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा पंत को तत्काल निलंबित करने के साथ ही हिरासत में लेने के आदेश दिए।

हरकत पर प्राइमरी शिक्षिका निलंबित

शिक्षिका उत्तरा पंत के मुताबिक वह पिछले 25 साल से दुर्गम क्षेत्र में अपनी सेवायें दे रही है और अब अपने बच्चों के साथ रहना चाहती हैं। क्योंकि, उनके पति की मृत्यु हो चुकी है और अब वह देहरादून में अपने बच्चों को अनाथ नहीं छोड़ना चाहतीं। उत्तरा की पीड़ा ये है कि, वह न तो बच्चों को अकेला छोड़ सकती हैं और ना ही नौकरी। खबरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा यह पूछे जाने पर कि नौकरी लेते वक्त उन्होंने क्या लिख कर दिया था? इसके जवाब में गुस्से से बेकाबू शिक्षिका उत्तरा पंत ने कहा कि, उन्होंने यह लिखकर नहीं दिया था कि जीवन भर वनवास में रहेंगी।

सीएम चेताते रहे महिला टीचर नहीं मानी

‘जनता मिलन’ कार्यक्रम में महिला टीचर ने बेहद ही घटिया आचरण किया। इसके बाद उसने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को एक के बाद एक कई अपशब्द कहे। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शिक्षिका को कई बार सभ्यता से अपनी बातें रखने को कहा लेकिन जब उत्तरा पंत नहीं मानीं तो उन्होंने संबंधित अधिकारियों को उन्हें तुरंत निलंबित करने और हिरासत में लेने के निर्देश दिए। हालांकि, बाद में बदमिजाज शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा पंत को हिरासत से रिहा कर दिया गया।

वहीं कांग्रेस नेता और उत्तराखंड की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा घसौनी ने सीएम द्वारा महिला शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई को गलत ठहराया है।

स्थानान्तरण नियामानुसार ही

उत्तरा बहुगुणा पंत के अलावा कई अन्य सरकारी कर्मचारी भी दुर्गम क्षेत्र से सुगम क्षेत्र में अपने स्थानांतरण की गुहार लगाने ‘जनता मिलन’ कार्यक्रम पहुंचे थे लेकिन सीएम त्रिवेंद्र रावत ने साफ किया कि यह कार्यक्रम ऐसी बातों को उठाने के लिए उचित मंच नहीं है। क्योंकि, राज्य में तबादला कानून लागू होने से राजकीय सेवाओं के सभी स्थानान्तरण नियामानुसार ही किए जाएंगे।

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