स्विस नेशनल बैंक की ओर से जारी रिपोर्ट कालेधन में कमी का दावा करने वाली मोदी के लिए किसी झटके से कम नहीं है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, स्विस बैंकों में भारतीयों का धन  50 फीसदी बढ़कर लगभग 7000 करोड़ रुपये हो गया है। भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में सीधे तौर पर रखा गया धन बढ़कर 99.9 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 6,900 करोड़ रुपये) और दूसरों के माध्यम से जमा कराया गया धन भी बढ़ कर 1.6 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 110 करोड़ रुपये) हो गया है।

आंकड़ों के अनुसार स्विट्जरलैंड के बैंक खातों में विदेशी ग्राहकों का कुल धन 1460 अरब स्विस फ्रैंक (करीब 100 लाख करोड़ रुपये) से ज्यादा है। काले धन के खिलाफ अभियान के बावजूद स्विस बैंकों में भारतीयों के धन में हुई वृद्धि हैरान करने वाली है। स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीय अपना काला धन  रखते रहे हैं, क्योंकि इन बैंकों में ग्राहकों की सूचनाओं को बेहद गोपनीय रखा जाता है।

साल 2016 में स्विस बैंकों में भारतीयों के धन में 45 फीसदी की कमी आई थी। सर्वाधिक सालाना गिरावट के बाद यह 676 मिलियन स्विस फ्रैंक (4,500 करोड़ रुपये) रह गया था। 1987 में यूरोपियन बैंक द्वारा डेटा सार्वजनिक किए जाने की शुरुआत के बाद से यह सबसे निचला स्तर था।  स्विस बैंक डेटा के मुताबिक, भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में प्रत्यक्ष रूप से रखे जाने वाला धन 2017 में बढ़कर 6,891 करोड़ रुपये हो गया, जबकि फंड मैनेजर्स के माध्यम से रखे जाना वाला धन 112 करोड़ रुपये रहा।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में 3,200 करोड़ रुपये का कस्टमर डिपॉजिट, 1,050 करोड़ रुपये दूसरे बैंकों के जरिए और 2,640 करोड़ रुपये अन्य लायबिलिटीज के रूप में शामिल थे।

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