Supreme Court ने पटाखे की 6 कंपनियों को नोटिस जारी करते हुए कहा, लाइसेंस रद्द करने पर करेंगे विचार

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Supreme Court on firecrackers
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Supreme Court ने CBI की प्राथमिक जांच की रिपोर्ट के आधार पर 6 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इशारा किया कि हम कंपनियों का लाइसेंस रद्द करने पर विचार करेंगे। CBI ने अपनी प्राथमिक जांच में इन कंपनियो द्वारा बेरियम और अन्य प्रतिबंधित रसायनों की खरीद और उनका पटाखों में इस्तेमाल की बात कही है। इस मामले पर सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने मेसर्स स्टैण्डर्ड फायर वर्क्स, मेसर्स हिंदुस्तान फायर वर्क्स, विनायकम फायर वर्क्स, मैयुनम फायर वर्क्स, श्री सूर्य काला फायर वर्क्स और सेल्वा विनायक फायर वर्क्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सीबीआई की प्राथमिक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि हिंदुस्तान और स्टैंडर्ड फायरवर्क्स के सैंपल में काफी गड़बड़ी मिली। दूसरी कंपनियों ने भी बेरियम सॉल्ट का इस्तेमाल किया है। सीबीआई ने यह भी बताया है कि इन कंपनियों ने भारी मात्रा में बेरियम खरीदा था। जांच के दौरान इनके भंडार में बेरियम मौजूद मिला। इन्होंने डब्बों पर निर्माण सामग्री को लेकर सही जानकारी नहीं दी।

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वहीं इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से वकील ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर पूरी रिसर्च के बाद तैयार रिपोर्ट के आधार पर सुनवाई करने और इस मसले पर खुद से विचार कर आगे का रास्ता निकालने का अनुरोध किया। सुप्रीम कोर्ट सरकार से कहा कि सरकार को क्यों इतनी बेचैनी है! इस पहलू को भी देखा जाएगा।
कोर्ट ने कहा कि हमें पता है कि अगर आज ग्रीन पटाखों को अनुमति दी तो फिर बेरियम वाले पटाखे बाजार में आ जाएंगे। छोटे-छोटे बच्चे तक दमा से प्रभावित हो रहे हैं। लोगों के जीवन का अधिकार सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए।

कल भी मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि चुनाव जीतने के बाद पटाखे जलाए जाते हैं और लगातार इसका उल्लंघन होता रहा है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में कोई कोताही नहीं बर्दाश्त करेंगे। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश के उल्लंघन पर लंबित अवमानना याचिका पर सुनवाई हो रही है। जिसमे पटाखा निर्माताओं के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है।

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