पानी और गड्ढा इतना जितने में आप सब्जी की खेती आराम से करने की सोच सकते हैं। यहां सड़क है लेकिन गड्ढों के बीच कहने को तो ये एनएच है। दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे जो पिछले सात सालों से बनता ही जा रहा है लेकिन इसका निर्माण कब होगा ये न तो सरकार को पता है और न ही प्रशासन को एक तरफ से बनता है तो दूसरी तरफ से गड्ढों में तब्दील होता जाता है। दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे के गड्ढों की गिरफ्त में आकर कई लोग आपनी जान गंवा चुके हैं। क्या बच्चे और क्या बूढ़े सभी हिचकोले खाते चलने को मजबूर हैं। वाहन चालकों से लेकर बैठे यात्री तक दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे के इन गड्ढों पर न चाहते हुए भी अपना सफर पूरा करने को मजबूर हैं। बरसात के मौसम में हाईवे पर जगह-जगह बने गड्ढे दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं।

APN की खबर पर उप जिलाधिकारी ने लिया संज्ञान

एपीएन पर दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे में गड्ढों की भरमार की खबर दिखाये जाने पर प्रशासन ने हमारी खबर का संज्ञान लेते हुए खस्ताहाल दिल्ली-देहरादून नेशनल हाइवे पर बने गड्ढे को भरने का काम शुरू कराया है। उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने खबर को प्रमुखता से चलाने के लिए एपीएन को बधाई दी है, कहा कि एनएचएआई यानि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि के अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं।

हाईवे के गड्ढे 2 दिनों में भरे जाएंगे: NHAI

खस्ताहाल हाईवे का पर्याय बन चुके दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर लचर निर्माण कार्य के चलते यात्रियों और स्थानीय लोगों को काफी परेशानियां हो रहीं हैं। वहीं अधिकारियों का तर्क है कि, हाईवे पर बने गड्ढों को भरने का काम जारी है। बरसात का सीजन होने के कारण बड़े गड्ढों को ईटों से भरा जा रहा है। बरसात के बाद गड्ढों को पिच और कंक्रीट से भरा जाएगा। प्रथम चरण में सिंहद्वार से शंकराचार्य चौक तक गड्ढों को भरने का कार्य किया जा रहा है। इसमें सर्विस रोड और मेन रोड पर पड़ने वाले गड्ढों को भरा जा रहा है। अगले 2 दिनों में दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे के सभी गड्ढों को भरने का दावा किया गया है।

NHAI कब करेगा अपनी जिम्मेदारी पूरी ?

दिल्ली-देहरादून हाईवे का काम 7 सालों से लटका है लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण वर्षो से लंबित पड़े हाईवे के निर्माण कार्य को कब तक पूरा कर पाती है ये शायद उसे भी नहीं पता। अगर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को लोगों की सही मायने में यात्रियों की फिक्र होती तो ऐसा होता ही नहीं लेकिन इसका सच इतना ही नहीं है इसमें कई पेंच है। इसकी भी पूरी परतें हम खोलेंगे।

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