अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने भारत को तगड़ा झटका दिया है। आईएमएफ ने भारत का आर्थिक विकास दर अनुमान चालू वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया। आईएमएफ ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कच्चे तेल की कीमतों और तेजी से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की वजह से धीमी हो जाएगी। घरेलू मांग पर कच्चे तेल की कीमतों के नकारात्मक प्रभावों और सख्त मौद्रिक नीति की वजह से आईएमएफ ने 2018-19 के लिए भारत के विकास अनुमान को 10 आधार अंकों से घटाकर 7.3% कर दिया। 2019-20 के लिए आईएमएफ ने अपने अनुमान को 30 आधार अंकों से घटाकर 7.5% कर दिया।

आईएमएफ ने चेताया है कि यदि शुल्कों का जोखिम आगे जारी रहता है तो 2020 तक वृद्धि आधा प्रतिशत अंक घट जाएगी। आईएमएफ ने चीन की आर्थिक विकास दर इस साल 6.6 फीसदी और अगले साल 6.4 फीसदी पर स्थिर रखा है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के अनुसार, अमेरिका में आर्थिक विकास दर 2018 में 2.9 फीसदी और अगले साल 2.7 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि भारत अब भी दुनिया की सबसे तीव्र विकास दर वाली अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर है।  29 जनवरी को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 का अनुमान था कि तेल की कीमत में 10 डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि से आर्थिक विकास में 0.2-0.3 प्रतिशत की कमी आई है।

थोक मुद्रास्फीति में 1.7 प्रतिशत अंक बढ़े हैं और चालू खाता घाटे में 9 से 10 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। जब आईएमएफ ने जब अपना ताजा अंक जारी किया तब लीबिया और वेनेज़ुएला में वैश्विक आपूर्ति की कमी के भय से अप्रैल के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 5% की बढ़ोतरी हुई है।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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