राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल का अंतिम संस्कार कल 18वें दिन भी नहीं हो सका। कल भी प्रशासन और आनंदपाल के परिजनों के बीच बातचीत बेनतीजा रही और अचानक राजपूत समाज उग्र हो कर हिंसा पर उतर आया। इस हिंसा में दो जगह हुई फायरिंग में 14 पुलिसकर्मियों सहित 20 लोग घायल हो गए हैं और हालात को देखते हुए नागौर, चुरू, सीकर और बीकानेर में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके अलावा इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगा दी गई है।

दरअसल करीब डेढ़ साल की फरारी के बाद पुलिस मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के परिजन मुठभेड़ पर सवाल उठा रहे हैं। वह मुठभेड़ की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरों से करवाने सहित चार अन्य मांगे पूरी न होने तक, आनंदपाल सिंह का अन्तिम संस्कार न करने पर अडिग हैं। राजपूतो की मांग है कि इस एनकाउंटर की सीबीआई जांच हो।

आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार करवाने के लिए पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आनंदपाल के परिजनों और राजपूत समाज की समझौता वार्ता कल देर रात तक जारी रही। इधर राजपूत समाज की ओर से आनंदपाल के पैतृक गांव में आयोजित की गई श्रद्धांजलि सभा में हजारों की संख्या में लोग जुटे। दिनभर राजपूत नेताओं और आनंदपाल के परिजनों के भाषणों का दौर चला। लेकिन अचानक रात 8 बजे राजपूत समाज के लोग उग्र हो गए और नागौर के पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख के वाहन पर फायरिंग कर दी, इसमें 14 सिपाहियों के घायल होने की सूचना है।

गौरतलब है कि फायरिंग के दौरान गोली देशमुख के पास से निकली, लेकिन वे बच गए। एक अन्य स्थान पर पुलिस पर हुई फायरिंग में राजपूत समाज के ही छह लोग घायल हुए हैं। घायलों को एंबुलेंस से जयपुर के एसएमएस अस्पताल के लिए रवाना किया गया है। उग्र राजपूत समाज के युवकों ने डेगाना-रतनगढ़ रेल पटरी पर कब्जा कर लिया जिस कारण दो ट्रेनों को रोकना पड़ा। नागौर-अजमेर राजमार्ग पर भी राजपूतों ने कब्जा कर रखा है। उग्र लोगों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ ही लाठीचार्ज भी किया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here