उत्तर प्रदेश में दिन-ब-दिन एक से बढ़कर एक क्राइम की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिसे लेकर यूपी सरकार की कानून व्यवस्था लगातार सवालों के कटघरें में है। आगामी त्योहारों को देखते हुए सीएम आदित्यनाथ योगी ने खुद कानून व्यवस्था की कमान संभालेंगे। योगी आदित्यनाथ आगामी  त्योहारों को लेकर आज अफसरों की पेंच कसेंगे। सीएम योगी वीडियो कांफ्रेंस  के जरिए मंडल और जिला अफसरों से बातचीत करेंगे। इस वीडियो कांफ्रेंस का मकसद अफसरों को प्रदेश में अपराध  रोकने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने का आदेश देना है। आज रात 8:30  बजे योगी योजना भवन से वीडियो कांफ्रेसिंग करेंगे। मुख्यमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुहर्रम नवरात्रि और दशहरा पर सुरक्षा और कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।

Yogi Adityanathबता दें यूपी में कानून व्यवस्था पटरी पर आते नहीं दिख रही है। पिछले कुछ महिनों में एक से बढ़कर एक बड़े वारदात सामने आए हैं। जिसे लेकर विपक्ष यूपी सरकार पर निशाना साधने पर कोई कसर नहीं छोड़ता है। हालांकि जब से योगी आदित्यनाथ ने यूपी की कमान संभाली है तब से प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। उनकी इस सक्रियता का असर प्रशासन पर दिखा है।

इससे पहले हुई बैठक में योगी आदित्यनाथ ने बड़े अधिकारियों को कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए रोडमैप तैयार करने का आदेश दिया था।

बता दें एक तरफ जहां यूपी के कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही है वहीं दूसरी तरफ यूपी सरकार की ओर से पुलिस की कार्रवाई का आंकड़ा जारी किया गया है, यह आकड़ा 20 मार्च 2017 से 14 सितंबर 2017 के बीच का है। जिसमें बताया गया है कि इस अवधि कुल 420 एनकाउंटर किए गए हैं, जबकि 1106 अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

इसके अलावा 6 महीने के भीतर कुल 15 अपराधियों को एनकाउंटर में मारे गए हैं जबकि 84 लोग घायल हुए हैं। इन तमाम कार्रवाईयों में 88 पुलिसलकर्मी भी घायल हुए हैं।

गौरतलब है कि यूपी में चुनाव के दौरान बीजेपी ने जोरशोर से प्रदेश में खराब कानून-व्यवस्था का मसला उठाया था। बीजेपी द्वारा बार-बार यह कहा गया कि प्रदेश में महिला हो, व्यापारी या आम जन कोई भी सुर‍क्षित नहीं है। इसलिए बीजेपी की सरकार बनने के बाद कानून-व्यवस्था को लेकर लोगों की अपेक्षाएं काफी ज्यादा हैं।

बता दें गोरखपुर हादसे के बाद यूपी में कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े किए जा रहे हैं। ऐसे में आगामी त्योहार भी सिर पर है जिसे देखते हुए योगी आदित्यनाथ ने यह जिम्मा अपने सिर ले लिया है। बैठक में आज वे आला अधिकारियों को सख्त हिदायत दे सकते हैं। देखने वाली बात यह है कि यह बैठक यूपी के कानून व्यवस्था को कितनी मजूबती प्रदान करता है।

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