दिल्ली में पानी की किल्लत ने लोगों को रौद्र रूप धारण करने पर मजबूर कर दिया हैं। पानी की समस्या से जूझ रहें लोगों का गुस्सा मुख्यमंत्री केजरीवाल पर उस वक्त फूट पड़ा, जब वह दिल्ली के संगम विहार इलाके में एक निजी स्कूल के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे। भीड़ को देखकर घबराए हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल आधे रास्ते ही वापस लौट गए, जब उन्हें पता चला कि सैकड़ों की तादाद में लोग सड़क पर इकट्ठा होकर पानी की किल्लत के लिए विरोध कर रहे हैं।

लोगों के गुस्से से बचने के लिए सीएम केजरीवाल खुद तो वापस लौट गए। लेकिन उन्होंने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और स्थानीय विधायक प्रकाश जारवाल को समारोह में भेजा, लेकिन वहां लोगों की भीड़ ने उनके काफिले को घेर लिया और सीएम केजरीवाल के खिलाफ नारे लगाते हुए काले झंडे दिखाए। वहां मौजूद स्थानीय पुलिस ने दोनों को सही सलामत वहां से रवाना किया अन्यथा मंत्री सत्येंद्र जैन और विधायक प्रकाश जारवाल के साथ मारपीट तक हो जाती।

करीब आधे घंटे तक लोगों की भीड़ से घिरे रहने के बाद सत्येंद्र जैन को स्कूल तक का रास्ता पैदल ही तय करना पड़ा। आमतौर पर कोई नेता या मुख्य अतिथि कुछ मिनट के लिए ही किसी कार्यक्रम में शिरकत करते हैं लेकिन आंदोलनरत लोगों की भीड़ को देखते हुए मंत्री सत्येंद्र जैन को महज एक स्कूल के कार्यक्रम में 3 घंटे से ज्यादा का वक्त गुजारना पड़ा। सत्येंद्र जैन शाम 4 बजे शाम पहुंचे थे और लगभग 7 बजे वहां से निकले।

स्कूल कार्यक्रम में भाषण के दौरान विधायक प्रकाश जारवाल ने कहा, कि मुख्यमंत्री स्वयं भी स्कूल के उद्घाटन समारोह में आना चाहते थे लेकिन विपक्षी पार्टियों द्वारा चलाये गए विरोध प्रदर्शन की वजह से उन्हें आधे रास्ते से ही वापस जाना पड़ा।

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